निर्माण कार्यों से भारी संख्या में श्रमिकों को मिलेगा रोजगार: केशव प्रसाद मौर्य


उत्तरप्रदेश। उत्तरप्रदेश के उपमुख्मंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तरप्रदेश में भारी संख्या में सड़कों व पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। इससे प्रदेश की आम जनता को आवागमन में सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही किसानों को अपने उत्पादों को मण्डियों में ले जाने तथा व्यापारिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को भी आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। यही नहीं बेहतर सड़कों के निर्माण से ग्रामीण स्तर तक निवेशकर्ताओं को फायदा होगा।
श्री मौर्य ने बताया लाॅकडाउन के दौरान कार्य रूक गये थे, जिन्हे अप्रैल माह के अन्तिम सप्ताह से निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत तेजी से प्रारम्भ कराया गया और इस समय लोक निर्माण विभाग के 14923 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत रू0 195 करोड़ 98 लाख 46 हजार है और इन कार्यों पर 1 लाख 17 हजार 708 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकार राज्य सेतु निगम के 200 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत रू0 66 करोड़ 56 लाख 85 हजार है और इन कार्यों में 3894 श्रमिक कार्य कर रहे हैं तथा राजकीय निर्माण निगम के 548 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत रू0 184 करोड़ 64 लाख 43 हजार है, जिन पर 15840 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार कुल 15671 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत रू0 447 करोड़ 19 लाख 73 हजार है और कुल 1 लाख 37 हजार 442 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।

उन्होने बताया कि वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में लगभग 11359 किमी0 लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा चुका है तथा 12600 किमी0 लम्बाई में मार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा चुका है। विभाग द्वारा अनजुड़ी बसावटों राज्य सड़क निधि, नाबार्ड, पूर्वांचल विकास निधि, बुन्देलखण्ड विकास निधि आदि योजनाओं में ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत रू0 3025 करोड की लागत से 117 प्रमुख जिला मार्ग/अन्य जिला मार्गाें की 1828 किमी0 लम्बाई का 02 लेन में चैड़ीकरण किया जा रहा है और अब तक 1780 किमी0 लम्बाई में मार्ग निर्माण कराते हुये 105 कार्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण कर किया जा चुका है। श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की दृष्टिकोण से इस वर्ष लोक निर्माण विभाग के 175 खण्डों में हर्बल मार्ग डेवलप करने के लक्ष्य के सापेक्ष 171 खण्डों में हर्बल मार्ग बनाये जा चुके हैं, जहां पर सड़कों के किनारे बरगद, आंवला, पीपल, अशोक, बेल आदि के पौधे रोपित किये गये हैं।


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