कानपुर लैब टेक्नीशियन हत्या मामले की जांच अब करेगी सीबीआई, योगी सरकार ने की सीबीआई जांच की सिफारिश


कानपुर। लैब टेक्नीशियन संजीव यादव के अपहरण और हत्या का मामला शांत होता नज़र नहीं आ रहा है। संजीव यादव के मामले में आज योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। दूसरी तरफ पुलिस की नाकामी से आहत संजीव यादव का परिवार कानपुर के शास्त्री चौक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है। धरने पर बैठी पिता, मां और बहन की मांग है कि जब तक इस अपहरण कांड का खुलासा नहीं हो जाता और उन्हें न्याय नहीं मिलता उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

संजीव के परिवार ने सरकार के सामने अपनी पांच मांगें भी रखी हैं। बहन रूचि की मांग है कि संजीव यादव अपहरण व हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए। उनका कहना है कि उसका भाई जिस भी हालत में हो उसे बरामद कर उन्हें सौंपा जाए ताकि रक्षाबंधन त्यौहार वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सके। साथ ही उसका कहना है कि पकडे गए आरोपियों का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट करवाया जाए। जिससे सच्चाई सामने आ सके। बहन की मांग है कि अपहरण व हत्या में शामिल दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

आपको बता दे की इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस संजीव के शव को पंडू नदी में तलाश रही है। हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी अभी तक संजीव का शव पुलिस के हाथ नहीं लगा है।

सीएम के निर्देश के बाद शासन से मिली जानकारी के अनुसार जनहित में अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी कानपुर नगर, आईपीएस अपर्णा गुप्ता और मनोज गुप्ता तत्कालीन सीओ को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

आपको बता दें एक महीने से अपहरण के इस मामले में कानपुर पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। इस किडनैपिंग केस में पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि उसने अपहृत युवक के परिजनों से अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए।


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