कौन नहीं बन सकता किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थी, जानिए क्या है नियम


पीएम किसान सम्मान निधि योजना की छठी किस्त के दो हजार रुपये लाभार्थी किसानों के खातों में आने लगे हैं। इस योजना के तहत हर साल योग्य लाभार्थी किसानों के खातों में केंद्र सरकार द्वारा छह हजार रुपये भेजे जाते हैं। किसानों के यह रकम तीन बराबर किस्तों में मिलती है। हाल ही में पीएम मोदी द्वारा 8.5 लाख करोड़ किसानों को योजना की छठी किस्त के रूप में 17,000 करोड़ रुपये जारी किये गए थे। अब यह रकम धीरे-धीरे किसानों के खातों में भेजी जा रही है।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि इस योजना के लाभार्थी कौन लोग नहीं बन सकते हैं। सबसे अहम बात तो यही है कि खेती की जमीन किसान के नाम होनी चाहिए। यदि कोई किसान खेती तो कर रहा हो, लेकिन खेत उसके नाम ना होकर उसके पिता या दादा के नाम हो, तो वह किसान इस योजना का लाभार्थी नहीं बन सकता।

अगर कोई व्यक्ति खेती की जमीन का मालिक भी है, लेकिन वह सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हो, मौजूदा या पूर्व सांसद/ विधायक/मंत्री हो, पेशेवर निकायों के पास रजिस्टर्ड डॉक्टर हो, इंजिनियर हो, वकील हो, चार्टर्ड अकाउंटेंट हो या भी इनके परिवार के लोग हों, ये सभी इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकते हैं। इसके अलावा जिन्हें 10,000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मिलती है, वे सभी पेंशनर भी इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है कि जमीन दस्तावेजों में तो खेती योग्य भूमि के रूप में दर्ज होती है, लेकिन उसका इस्तेमाल कृषि कार्यों की बजाय दूसरे कार्यों में किया जाता है। ऐसे खेत मालिक भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थी नहीं बन सकते हैं।

वहीं, गांवों में बहुत से ऐसे भी किसान होते हैं, जो खेती-किसानी से तो जु़ड़े होते हैं, लेकिन वे खेत मालिक नहीं होते हैं। वे दूसरों के खेतों में खेती करते हैं और खेत मालिक को इसके एवज में हर फसल का हिस्सा देते हैं। ऐसे किसान भी इस योजना के लाभार्थियों में शामिल नहीं हो सकते हैं।


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