प्राॅपर तरीके से मैपिंग कार्य ससमय पूर्ण करायें: जिलाधिकारी


बेतिया: जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जिले में एक लाख से ज्यादा कामगार/श्रमिक एवं उनके बच्चे वापस आये है। कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों की तस्करी एवं बाल श्रमिक के रूप में असुरक्षित पलायन होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

इस परिस्थिति में बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु बच्चों का भेद्यता मानचित्रण/मैपिंग करने एवं उनके परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना अतिआवश्यक है।

उन्होंने कहा कि अब बच्चों को काम कराने के नाम पर बाहर नहीं ले जाया सकेगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जिले में बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण पर एक व्यापक कार्ययोजना शुरू की है।

बचपन बचाओं आंदोलन के सहयोग से इस अनूठी कार्य योजना को जिले में प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गांव/पंचायत स्तर पर भेद्यता मैपिंग के माध्यम से न सिर्फ वैसे बच्चों की पहचान की जायेगी जो तस्करी के शिकार होते हैं या बाल श्रम में धकेले जा सकते हैं बल्कि बच्चे के पूरे परिवार की पहचान कर उसे विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य युद्धस्तर पर किया जाये।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निदेश के आलोक में जिले में ससमय भेद्यता मानचित्रण/मैपिंग का कार्य ससमय पूर्ण किया जाये। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में संबंधित अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैपिंग कार्य से संबंधित कर्मियों को पूर्ण रूपेण प्रशिक्षित किया जाये ताकि मैपिंग कार्य सही तरीके से सम्पन्न हो सके तथा पात्र लाभुकों को ससमय विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। साथ ही इस कार्य में बचपन बचाओं आंदोलन से जुड़े स्वयंसेवियों की सहायता ली जाये।

जिलाधिकारी द्वारा बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं को निदेश दिया गया कि बाल तस्करी को रोकने एवं उनके परिवारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने से संबंधित जागरूकता अभियान व्यापक स्तर पर चलायी जाये ताकि शत-प्रतिशत पात्र लाभुक इसका लाभ उठा सकें।

वहीं आज वेबकास्टिंग के माध्यम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आज पश्चिम चम्पारण जिले में बाल तस्करी रोकने एवं उनके परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के उदेश्य से उन्मुखीकरण कार्यक्रम तथा भेद्यता मानचित्रण/मैपिंग प्रक्रिया को लांच किया गया।

इस अवसर पर प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार,  रूपाली बनर्जी सिंह, सदस्य सचिव, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली, जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, कुंदन कुमार, परेश शाह, वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ, एनसीपीसीआर एवं बचपन बचाओ आंदोलन सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई आदि अधिकारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा


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