11:00 बजे लेट नहीं , 4:00 बजे भेंट नहीं - Sahet Mahet

11:00 बजे लेट नहीं , 4:00 बजे भेंट नहीं


बेतिया: 11:00 बजे लेट नहीं 4:00 बजे भेंट नहीं, मामला अधीक्षण अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य अंचल बेतिया का है। चौंकिए मत यह बात सुनने में तो अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह हकीकत में प्रकाश में आया है।

यहां विभाग करीब आधा दर्जन लिपिकों व पदाधिकारियों को कामों को देखने के लिए पदस्थापित किया ताकि सुशासन बाबू के विकास की गंगा गांव तक पहुंचे और आम जनों को सड़के मुहैया कराई जा सके। साथ ही संबंधित संवेदको के समस्याओं का समय से निष्पादन हो सके। जिसके लिए इनकी पदस्थापना की गई है लेकिन पदस्थापित किरानियो की संख्या 4 बताई जाती है और चतुर्थ वर्गीय 3 और संविदा कर्मी दो, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अधीक्षण अभियंता कार्यालय में शनिवार के दिन सुबह समय करीब 11: 55 पर मात्र एक डाटा ऑपरेटर रविशंकर और चतुर्थ वर्गीय कर्मी राजेश्वर प्रसाद ही कार्यालय में नजर आए। बाकी लोग नदारद दिखे, जबकि बिहार सरकार ने नियम बना रखा है कि काम नहीं तो वेतन नहीं तो फिर बिना काम का वेतन कैसे मिल जाता है।

इन कर्मियों को कुछ गणमान्य, सामाजिक संगठनों को कहना है कि अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने तीसरी आंख भी लगाई गई है। अगर तीसरी आंख से भी देखा जाए तो सही तथ्य सामने आ सकते हैं। इतना ही नहीं यहां पर पदस्थापित अरुण प्रकाश निम्न वर्गीय लिपिक, मोतिहारी से बैठ के कार्यालय चलाते हैं। सुशील सिंह लेखा लिपिक, औरंगाबाद से बैठ के अधीक्षण अभियंता का कार्यालय चलाते हैं।

सिद्धेश्वर सिंह प्रारूप grade-1 ,  मुजफ्फरपुर में बैठकर नक्शा बनाते हैं और उच्च वर्गीय लिपिक राजनंदन प्रसाद आदि पदस्थापित है। यहां पर कार्यभार देखने के लिए एक सहायक अभियंता एक कनीय अभियंता प्रतिनियुक्ति किए गए हैं कि कार्यालय का रूटिंग वर्क देखेंगे लेकिन यहां तो सब उल्टा होता दिख रहा है।

लोगों का कहना है कि इसमें कुछ ऐसे लिपिक हैं जो केवल पंजी पर हस्ताक्षर करने के लिए ही आते हैं ताकि उनका वेतन मिल जाए, इससे यही लगता है कि यह कर्मी सुशासन बाबू के छवि को धूमिल करने में लगे हैं। काश इसकी जांच होती तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई होती।

इस संदर्भ में विनोद कुमार, अधीक्षण अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य अंचल से बात करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर विधि सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा


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