आर्थिक तंगी से शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन को मजबूर यूपीएसए


पश्चिमी चंपारण: शिक्षक संघ के महासचिव रविरंजन ठाकुर “प्रफुल्ल” ने आर के इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल पचपकरी, पूर्वी चम्पारण के सभागार में निजी विद्यालयों, विद्यालय निदेशकों, शिक्षकों, क्षेत्र के अभिभावकों एवम् छात्रों के सम्मुख शिक्षा क्षेत्र में covid 19 की वज़ह से उत्पन्न समस्याओं एवम् इस ओर सरकार की उदासीन रवैया आदि बिन्दुओं पर चर्चा हेतु नितेश झा के आह्वान पर निजी विद्यालयों की बैठक आयोजित की। जिसमें नितेश कुमार झा, एम डी जबीउल्लाह, राजेश गुप्ता, मिन्हाज आलम, रिया ठाकुर, अमित कुमार व अन्य कई निजी विद्यालयों के निदेशक शामिल थे।

बिहार में कोरोना का ग्राफ भी मात्र 2% है और जिला में मात्र .5 % यानि आधा बाज़ार में किसी चीज या एहतियात का कोई पालन नहीं फिर भी स्कूल बंद। इन्ही सब बिन्दुओं को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी अवधेश कुमार सिंह से उनको वर्त्तमान स्कूल खोलने की स्टेटस का पता किया तो उन्होंने बताया कि SOP के अनुसार ये सभी राज्य सरकार की जिम्मेवारी है की वो स्कूल या शिक्षण गतिविधिया चालू करे या नहीं।

इस लॉक डाउन में शिक्षा विभाग भी द्वारा कई लंबित कार्य को अभी तक नहीं किया गया जैसे परिस्वीकृति के लिए 180 से ज्यादा निजी विद्यालय के आवेदन वर्षों से लंबित है, निजी विद्यालयों का नवीनीकरण (रिन्यूअल), RTE (25%) के करोड़ो रुपया निजी विद्यालओं का वर्षो से विभाग द्वारा नहीं जारी किया गया। अगर ये भी इस कोरोना महामारी में निजी विद्यालयों को मिलता तो कुछ राहत होती आदि बिंदुओं पर चर्चा हुई।

ज्ञातव्य हो कि युनाइटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा पिछले कुछ दिनों से कई बार ज्ञापनों के जरिए प्रखण्ड स्तर के पदाधिारियों, जिला के पदाधिकारियों, हर दल के नेताओं एवम् कई विधायकों, राज्य सरकार के मंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्री तक निजी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत सभी निदेशक बंधुओं एवम् शिक्षक बंधुओं के सम्मुख covid 19 की वज़ह से उत्पन्न विकराल समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है, अब सरकार को इस पर संज्ञान लेना ही होगा।


UPSA का कहना है कि यदि सरकार स्कूल नहीं खोलना चाहती तो हमें कोई समस्या नहीं है और लेकिन हमारे जीविकोपार्जन और पुनर्जीवित होने और आर्थिक तंगी से उबरने की व्यवस्था सरकार जैसे अन्य क्षेत्र के लोगो अथवा SME’s के लिए कर रही है वैसे ही हमे भी विशेष राहत पैकेज दे, शिक्षकों को udise के माध्यम से उनके खाते में मासिक अनुदान दे, स्कूल आसान शर्तों पर ऋण मुहैया कराये, मकान किराया, रोड टैक्स, बिजली बिल आदि माफ़ करे तो हम सभी संभल जायेंगे और पुनर्जीवित हो जायेगे और जो सरकार का निर्णय होगा उसको पालन करेंगे अन्यथा कईयों ने तो आत्महत्या तक कर लिया और विवश होकर हम सभी अपने हक़ और हकूक की लड़ाई के लिए चरणवद्ध आंदोलन को तैयार हैं।

अध्यक्ष एस एस”राज”, महासचिव रविरंजन ठाकुर”प्रफुल्ल”, जिला संयोजक सह सिकरहना अनुमंडल सचिव डॉ चंद्र भूषण कुमार, जिला सचिव जय नारायण शर्मा, जिला सचिव वरुण कुमार सिंह, जिला सचिव गायत्री कुमारी, जिला उपाध्यक्ष प्रो. श्रीमती बबिता श्रीवास्तव, जिला सचिव वरुण सिंह, सिरकहना अनुमंडल अध्यक्ष नितीश पांडेय, चिरैया प्रखंड अध्यक्ष ओशो उमेश पंडित, चिरैया सचिव श्रीकांत, जिला उपाध्यक्ष सह छौड़ादानो प्रखंड प्रभारी मुकेश कुमार यादव, पकड़ीदयाल उपाध्यक्ष सह पकड़ीदयाल प्रभारी अवधेश द्विवेदी एवम् मदन भगत, जिला संरक्षक ओम प्रकाश पांडेय, रामगढ़वा प्रखंड सचिव राजय सिंह, मोहर लाल, बलराम सराफ, जेड अहमद, जिला उपाध्यक्ष सेराज अहमद, शांतनु तिवारी, कार्य समिति सदस्य सरिता सिंह, जिला कोषाध्यक्ष राजू शर्मा सहित संगठन के अन्य वरिये पदाधिकारियों की ये संयुक्त स्वर बहुत जल्द सरकार के उदासीन रवैया के विरुद्ध एक बड़े अभियान को जन्म देने पर मजबूर करेगी।


रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा


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