अयोध्या : मयंक श्रीवास्तव :राममंदिर को लेकर चले संघर्ष और जिले से लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आए फैसले ने वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख दी है। राममंदिर के तथ्य व इतिहास को ताम्र पत्र पर दर्ज करके मंदिर की नींव में दो हजार फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखने की योजना है। यह जानकारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने सोमवार को फोन पर बताया कि राम मंदिर के दो हजार फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा, ताकि भविष्य में मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न रहे। इस कैप्सूल में मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी होगी। ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहा ‘राममंदिर को लेकर चले संघर्ष और सुप्रीम कोर्ट में लंबे संघर्ष ने वर्तमान की और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख दी है। राम मंदिर निर्माण स्थल के 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी राम मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहेगा तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिल जाएंगे और इससे कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि कैप्सूल को एक ताम्र पत्र के अंदर रखा जाएगा। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए देश की कई ऐसी पवित्र नदियों से, जहां माना जाता है कि भगवान राम के चरण पड़े थे, जल और कई तीर्थों से मिट्टी लाई जा रही है। पवित्र जल से भूमि पूजन के दौरान अभिषेक किया जाना है। क्या होता है टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जो विशिष्ट सामग्री से बनता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है। जमीन के अंदर काफी गहराई में गाड़ा जाता है जिससे हजारों साल तक न इसे कोई नुकसान न हो और यह न सड़े।