निजी विद्यालय के संचालकों ने महामहिम राज्यपाल को भेजा ज्ञापन - Sahet Mahet

निजी विद्यालय के संचालकों ने महामहिम राज्यपाल को भेजा ज्ञापन


मझौलिया: प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन पश्चिम चंपारण का एक शिष्टमंडल जिला अपर कलेक्टर नंदकिशोर साह से मिलकर निजी विद्यालयों को खोलने के लिए महामहिम राज्यपाल बिहार सरकार के नाम लिखित ज्ञापन सौंपा। शिष्टमंडल में जिला अध्यक्ष मोहम्मद नुरैन खान, जिला सचिव अब्दुल्लाह उर्फ अरशद सरहदी, प्रमोद यादव, इरशाद अहमद ,प्रखंड अध्यक्ष सनत कुमार होत्री, आनंद नील, ज्ञान फ्रांसिस, शादाब जलील, अवध कुमार यादव आदि शामिल थे।

उनकी मांगों में निम्नलिखित मांग शामिल है

बिहार राज्य में मार्च माह से ही सभी निजी एवं सरकारी विद्यालय कोरोना महामारी की वजह से बंद पड़े हुए है। जिसके फलस्वरूप लाखों निजी विद्यालयों के कर्मचारी शिक्षक शिक्षिकाएँ बेरोज़गार हो गए है। वस्तु स्तिथि इतनी भयावह है की कुछ शिक्षकों ने बेरोज़गारी की वजह से आत्महत्या तक कर लिया है। दिन प्रतिदिन स्तिथि बद से बद्तर की तरफ़ अग्रसर होते दिख रही है। सभी निजी विद्यालय के संचालक , शिक्षक , शिक्षिकाओं एवं कर्मचारीगण विद्यालय के संचालन के लिए राज्य सरकार के आदेश के इंतज़ार में हैं।

1. केंद्र सरकार ने अपने आदेश संख्या 40-3/2020-DM-I(A) दिनांक 30 सितम्बर 2020 के कंडिका संख्या 1(a), 1(b), 1(c),1(d) एवं 1(f) के माध्यम से विद्यालयों को खोलने हेतु एवं उससे सम्बंधित नियमावली का वर्णन करते हुए कंडिका 1(e) के तहत सभी राज्य सरकारों को दिशानिर्देश देते हुए हर राज्य में दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह किया है। उपरोक्त पत्रांक के आलोक में राज्य सरकार के द्वारा इस विषय में अभी तक कोई भी दिशानिर्देश पारित नहीं किया गया है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की जल्द से जल्द विद्यालयों को भौतिक रूप से संचालित करने की घोषणा की जाये।

2. वेतन के अतिरिक्त हर विद्यालय के अन्य आवश्यक मासिक खर्चों में बिल्डिंग का लोन / किराया, बैंक के लोन की मासिक किस्त, मेंटेनेंस आधारित खर्चे, गाड़ियों की ईएमआई, बिजली का बिल के अलावा सभी व्यवसायिक टैक्स जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है, वे सभी शामिल हैं। जिससे प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक,शिक्षक एवं कर्मचारी अत्यंत मानसिक तनाव में हैं। जो अब बेहद जानलेवा लगने लगा है। पिछले नौ महीने क़ेअंदर सभी शैक्षणिक कार्यो से जुड़े लाख़ों लोग बेरोजगार हो गये हैं। जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है अतः आपसे विनम्र निवेदन है की इस कोरोना अवधि में उपरोक्त वर्णित टैक्स की राशि को माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश पारित करें।

3. बिजली का बिल, ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ किया जाए एवं बैंक के ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाए। सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश न होने की वजह से अभिभावकों एवं विद्यालय के बीच तनाव उत्पन्न हो रहा हैं। क्यूँ की मार्च महीने से किसी भी निजी विद्यालय ने अभिभावकों से वाहन शुल्क नहीं लिया है परन्तु बिहार सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट टैक्स , बिजली का बिल ,इन्शुरेन्स शुल्क निरंतर लिया जा रहा है। उक्त परिस्थिति देखते हुए सभी निजी विद्यालय संचालकों में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की ट्रांसपोर्ट टैक्स एवं वाहनों के इन्शुरेन्स को माफ़ करने हेतु दिशानिर्देश पारित करें।

4. गत कई वर्षों से शिक्षा के अधिकार की राशि आज तक निजी विद्यालयों को नहीं दी गयी है। जबकि वर्ष दर वर्ष सभी निजी विद्यालयों ने सरकार के शिक्षा निति के अनुसार अपने अपने विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत विद्यार्थियों को निरंतर शिक्षा प्रदान की है परन्तु अनेको पत्रांक भेजने के बावजूद आज तक शिक्षा के अधिकार का पैसा सरकार के द्वारा निजी विद्यालयों को मुहैया नहीं करवाया गया है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की जल्द से जल्द शिक्षा के अधिकार की राशि सभी निजी विद्यालयों को निर्गत करने हेतु उचित दिशानिर्देश बिहार राज्य के शिक्षा विभाग को देने की कृपा करें।

5. कोरोना महामारी अवधि में बजट निजी विद्यालय जो किराये के भवनों में संचालित है मार्च महीने से विद्यालय बंद हो जाने के कारण उन सभी निजी विद्यालयों का भवन का किराया बकाया है जिसे निजी विद्यालय संचालक चुकता करने में असमर्थ है। अत: विनम्र निवेदन है की सभी निजी विद्यालयों के भवनों का किराया माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी करने की कृपा करे।

6. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के आदेशानुसार मार्च महीने से ही निजी विद्यालय बंद है एवं ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन एवं शिक्षक , शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का वेतन निरंतर दिया जा रहा है। परन्तु मार्च महीने से निजी विद्यालयों में विद्यालय शुल्क लगभग ना के बराबर अभिभवकों के द्वारा दिया जा रहा है जिसके फलस्वरूप करीब करीब सभी निजी विद्यालय दिवालिया हो चुके है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की निजी विद्यालयों को पुनर्स्थापना हेतु उचित पैकेज की घोषणा की जाये ताकि लाखों शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाने से बच सके साथ ही विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन शिक्षा का लाभ निरंतर मिल सके।

7. वही राज्य के सभी सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थान पूर्णतः कार्यरत हुए काफ़ी समय हो चुका है। ऑनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों को मोबाइल के द्वारा ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई करने में भी अनेको चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके फलस्वरूप निजी विद्यालयों में तनाव का माहौल बना रह रहा है। हम सभी को पूर्ण विश्वास है की आपके द्वारा केंद्र सरकार के पत्रांक के आलोक में निजी विद्यालयों को संचालित करने हेतु समुचित मार्गदर्शन जल्द ही आपके कार्यालय द्वारा पारित किया जाएगा।

8. हमारा निवेदन की इस भयावह परिस्थिति पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए आप सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान बनाकर अतिशीघ्र सहायता राशि सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध कराने का कष्ट करें ताकि विद्यालय के सभी शिक्षक एवं गैर शैक्षणिक कार्यो से जुड़े सभी कर्मचारियों का वेतन दिया जा सके। हम सबों को आप पर पूर्ण विश्वास है कि आप प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों, शिक्षकों एवं विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों का कष्ट निवारण अति शीघ्र कर उन्हें एवं उनके परिजनों को मानसिक तनाव और भुखमरी से बाहर निकालेंगे।

निजी विद्यालय के संचालकों ने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार तथा प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी प्रेषित किया है।

रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा


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