मोटर मकैनिक के बेटे ने अमेरिका के हाई स्कूल में किया टाप


अलीगढ़। ख़ालिक़ अंसारी: अलीगढ़ में मोटर मकैनिक के बेटे ने अमेरिका के हाई स्कूल परीक्षा में टॉप कर देश का नाम रोशन किया है। केनेडी लूगर यूथ एक्सचेंज स्टडी स्कॉलरशिप मिलने पर छात्र अमेरिका गया था। वहां बेलफास्ट एरिया हाई स्कूल में साल भर पढ़ाई की थी।

अलीगढ़ के जमालपुर निवासी मोटर मकैनिकअरशद नूर का बेटा मोहम्मद शादाब ने हाई स्कूल में सर्वाधिक 97.6 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया। उसे अमेरिका में पढ़ने के लिए बीस लाख की स्कॉलरशिप मिली थी। दो सौ घंटे समाज सेवा के लिए 40 देशों के 800 छात्रों में स्टूडेंट ऑफ द मंथ भी चुना गया। मोहम्मद शादाब उर्दू मीडियम का छात्र है। लेकिन इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड टेस्ट पास कर अमेरिका पढ़ने के क्वालिफाई किया था। जिसके चलते शादाब को कैनेडी लुथर यूथ एक्सचेंज स्टडी स्कॉलरशिप मिली थी। मकैनिक पिता बेटे को आईएएस बनना देखना चाहते हैं. वहीं मेकैनिक के बेटे के अमेरिकी हाई स्कूल टॉप करने पर अलीगढ़ में भी लोगों ने खुशी जताई है। प्रतिभाएं सुविधा की मोहताज नहीं होती है। अगर लगन हो तो मंजिल फतह की जा सकती है।

अलीगढ़ के जमालपुर का रहने वाला मोहम्मद शादाब का चयन केनेडी लुगर यूथ एक्सचेंज स्टडी स्कॉलरशिप में हुआ था। जिसके तहत साल भर अमेरिका में पढ़ाई की थी। रिजल्ट में शादाब ने 97. 6 प्रतिशत अंक हासिल कर बेलफास्ट एरिया हाई स्कूल में अव्वल रहें। शादाब बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है। पिता पढे लिखे नहीं है। लेकिन मजदूरी करके एएमयू के मिंटो सर्किल स्कूल में पढ़ा रहे हैं। शादाब के एक भाई और एक बहन भी है। परिवार में पैसों की किल्लत शुरु से रही. लेकिन गरीब माता-पिता ने शिक्षा के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी। पैसों की तंगी के होने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने का जज्बा दिखाया है।

शादाब उर्दू मीडियम के तालिब इल्म हैं। लेकिन अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जाकर टॉप किया है और देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अलीगढ़ का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि 2019 में पांच टेस्ट पास किये थे। जिसमें मैथ, साइंस, इंग्लिश, जनरल नॉलेज, शोसल स्टडी में लिखित परीक्षा दी थी। नौवीं क्लास का रिजल्ट भी देखा गया था। सादाब ने अमेरिका में 200 घंटे कम्युनिटी सर्विस की । जो एक तरीके की समाज सेवा थी और इस दौरान 40 देशों के 800 छात्रों में मोहम्मद शादाब को स्टूडेंट ऑफ द मंथ चुना गया। शादाब का चयन यूएस एंबेसी में हुई सिविल एजुकेशन वर्कशॉप में इसके लिये सम्मान भी दिया गया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी एजुकेशन सिस्टम प्रैक्टिकल पर आधारित है। जहां सब कुछ आन लाइन है। जबकि भारतीय एजुकेशन सिस्टम किताबों पर निर्भर है। शादाब ने बताया कि वे आगे सिविल सर्विसेज में जाना चाहते हैं। इसके साथ ही वे यूनाइटेड नेशन में मानव अधिकारों के लिए काम करना चाहते हैं।

मिंटों सर्किल स्कूल के प्रिंसिपल डॉ नफीस अहमद ने बताया कि मोहमद शादाब उर्दू मीडियम के छात्र रहे है और स्कॉलरशिप के तहत अमेरिका पढ़ने गए थे। शादाब की परफॉर्मेंस बहुत अच्छी रही है और सामाजिक सेवा के काम में भी इन्होंने देश का नाम रोशन किया है। ऐसे छात्र समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने बताया कि जो कमजोर तबके के छात्र हैं। स्कूल उनकी मदद करता है। स्कूल के केमिस्ट्री के शिक्षक मोहम्मद तारिक ने बताया कि संसाधनों की कमी के बावजूद भी शादाब का ध्यान पढ़ाई पर ही केंद्रित रहता था। वही पिता अरशद नूर ने कहा कि मेरा बेटा पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बने और मुझे खुशी है कि एक मजदूर के बेटे ने अमेरिका जाकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि मैं एक अंगूठा टेक आदमी हो और मेहनत मजदूरी करके ही बच्चों को आगे बढ़ा रहा हूं।


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