यूरोप के स्वीडन में दंगे, लोगों ने पुलिस पर भी किया पथराव


यूरोप के सबसे शांत देशों में शुमार स्वीडन में शुक्रवार रात को कुरान के अपमान की खबर के बाद से दंगे भड़क गए। बड़ी संख्या में लोग माल्मो शहर की सड़कों पर उतर गए और उन्होंने पुलिस पर भी पथराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क के किनारे खड़ी कई कारों में आग भी लगा दी। हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया।


कैसे भड़की हिंसा

स्वीडिश अखबार आफटोनब्लेट की रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के नेता रैसमस पालुदन को गुरुवार को माल्मों शहर में ‘नॉर्डिक देशों में इस्लामीकरण’ पर आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेना था। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए रैसमस पालुदन को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। जब उन्होंने शहर में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके एक दिन बाद शुक्रवार को उनके समर्थकों ने माल्मो के एक चौराहे पर कुरान की कुछ प्रतियां जलाईं थी।

नार्डिक देश में मुसलमानों पर विवाद क्यों

उत्तरी यूरोप के कुछ देशों के नार्डिक देश कहा जाता है। यह भूगोल का एक शब्द है, जिसमें डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, फिनलैंड, आइसलैंड और ग्रीनलैंड शामिल हैं। इस देशों में आबादी बहुत कम है। हाल में दुनियाभर में जारी हिंसा के दौर में लाखों की संख्या में शरणार्थियों ने इन नार्डिक देशों का रूख किया है। जिसमें पोलैंड को छोड़कर शेष देशों ने बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी को शरण दी है। वहीं, वहां के स्थायी निवासियों का आरोप है कि इससे सामाजिक तानाबाना बिगड़ा है।

कौन हैं रैसमस पालुदन

रैसमस पालुदन स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के शीर्ष नेता और वकील हैं। उन्होंने 2017 में अति राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स की स्थापना की थी। कई वीडियोज में उन्हें मुस्लिमों के विरोध में बातें करते या कुरान का अपमान करते देखा जा सकता है। रेसमस इसे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर डिफेंड करते रहे हैं। शुक्रवार को स्वीडन में उनके प्रवेश पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कई बार मिल चुकी है सजा

जून में पालुदन को अपनी पार्टी के सोशल मीडिया चैनलों पर इस्लाम-विरोधी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। जिसके लिए उन्हें तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उन्होंने कानून का पालन करने से मना कर दिया था। 2019 में उन्हें नस्लवादी भाषण देने के लिए 14 दिन सशर्त कारावास की सजा सुनाई गई थी। जून में उन्हें नस्लवाद, मानहानि और खतरनाक ड्राइविंग सहित 14 मामलों में दोषी पाया गया। जिसके लिए उन्हें दो महीने की सजा सुनाई गई थी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *