कालजयी रचना ‘‘काल प्रेरणा’’ के लिए ‘‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’’ से सम्मानित हुए डीएम बहराइच | BREAKING NEWS


बहराइच (के.के सक्सेना संपादक)। लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह में प्रदेश के मा. मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने दिव्य प्रेम सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री आशीष गौतम के साथ जिलाधिकारी बहराइच डॉ. दिनेश चन्द्र को ‘‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’’ प्रदान किया। डीएम बहराइच डॉ. दिनेश चन्द्र की कालजयी रचना ‘‘काल प्रेरणा’’ को वर्ष 2022-23 हेतु ‘‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’’ के लिए चयनित किया गया है। अलंकरण समारोह में ‘‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’’ के लिए डीएम डॉ. चन्द्र को प्रमाण-पत्र, अंगवस्त्र तथा रू. एक लाख धनराशि का चेक प्रदान किया गया। डीएम डॉ. चन्द्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘काल प्रेरणा’’ ‘‘राजनैतिक दुनिया डॉट कॉम’’ के संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार कमलेश पांडेय द्वारा संपादित की गई है। जबकि इस पुस्तक का विमोचन केरल भवन, नई दिल्ली में लब्धप्रतिष्ठित विद्वान और केरल के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान ने पिछले वर्ष 2022 में किया था।
अपनी रचना के सम्मानित व पुरस्कृत होने पर लेखक डॉ दिनेश चंद्र सिंह ने उपर्युक्त सभी लोगों के साथ-साथ इस पुस्तक विमोचन समारोह में उपस्थित हुए सभी गणमान्य आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि इसमें सभी का कुछ न कुछ योगदान रहा है, जिसके लिए मैं कृतज्ञ हूँ।

सबसे बड़ी कृतज्ञता उस जनता की है, जिससे जुड़ी बातों-जज्बातों के चलते मुझे ऐसी रचना करने की प्रेरणा मिली, जो काल प्रेरणा बन गई और अब कर्म निर्णय बन रही है।

गौरतलब है कि डॉ दिनेश चंद्र सिंह एक सफल नौकरशाह हैं और फुर्सत के क्षणों में अपने विराट व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित चिंतन, मनन व लेखन कार्य करते हैं। उनकी इस लेखन साधना की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई है और उनकी पहली रचना 2015 में प्रकाशित हो चुकी है। अभी तक वो 4 पुस्तक लिख चुके हैं, जबकि पांचवीं पुस्तक इसी वर्ष शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है, जो छपाई के क्रम में है। बता दें कि साहित्य सृजन का यह कार्य वर्ष 2014-15 में नेपाल में आये भूकंप के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गोरखपुर में किये गए कार्यों की अनुभूति के फलस्वरूप ‘‘आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव प्रयास’’ नामक प्रथम पुस्तक प्रकाशित की गई थी। वहीं, द्वितीय पुस्तक मतदाता महोत्सव 2016 जो माननीय भारत निर्वाचन आयोग के तत्वावधान में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, उससे सम्बन्धित अपनी अनुभूति को ‘‘सहभागिता पूर्ण व्यवहारिक अभिव्यक्ति’’ नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया, जिस पुस्तक को माननीय भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर अपलोड किया था और तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त के द्वारा इस पर लेखक की प्रसंशा की गई थी। जबकि तीसरी पुस्तक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत जनपद अलीगढ़ में किये गए विकास कार्यों के सम्बंध में जो अनुभूति प्राप्त हुई थी, उसको ‘‘यादें विकास पथ और संघर्ष यात्रा’’ नामक पुस्तक वर्ष 2018 में प्रकाशित की गई थी। ये काल प्रेरणा से पूर्व की पुस्तकें हैं। अतः इससे स्पष्ट है कि साहित्य सृजन का यह कार्य विगत 9-10 वर्षों से अनवरत रूप से किया जा रहा है। वहीं, लोगों को सतकर्म के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बहराइच जनपद में अर्जित किये गए कुछ उल्लेखनीय अनुभवों एवं कार्यों पर आधारित अगली पुस्तक ‘‘कर्म निर्णय’’ प्रकाशन के क्रम में है।

जानकारों का कहना है कि इन पुस्तकों के माध्यम से लेखक ने अपनी उच्च कोटि की रचनात्मकता से समकालीन और भावी पीढ़ियों को जगाने की कोशिश की है। उन्होंने अपनी रचनाओं में भूतकालीन घटनाओं की महत्ता को वर्तमान परिस्थितियों से जोड़कर अपने पाठकों को समझाने की एक सफल कोशिश की है। उन्होंने इतिहास से जुड़े दृष्टांतों को भी समसामयिक परिवेश से जोड़कर लोगों को समझाने का एक सार्थक प्रयत्न किया है, ताकि बिखरी हुई मानवीय प्रवृत्तियों को एक सूत्र में पिरोकर समाज को कुछ नया दिया जा सके। उन्होंने अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की लगातार कोशिश की है। वे ऐसी ही जिजीविषा समाज के लोगों में खासकर युवाओं में पैदा करना चाहते हैं। यही उनकी बढ़ती लोकप्रियता का राज है।


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