प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री व राज्यमंत्री जल शक्ति ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर अधिकारियों के साथ की बैठक


तटबंधों पर विशेष सर्तकता व सक्रियता बरती जाय – श्री अनिल राजभर

गोण्डा। प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर माननीय मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तिकरण श्री अनिल राजभर एवं माननीय राज्य मंत्री जल शक्ति विभाग श्री बलदेव सिंह औलख ने आज जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति व बाढ़ पीड़ित परिवारों को उपलब्ध कराई जा रही सहायता के संबंध में जनपद के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सिंचाई भी साथ रहे।समीक्षा बैठक में माननीय पिछड़ा वर्ग कल्याण ने संबंधित अधिकारियों से सकरौर भिखारीपुर रिंग बांध की स्थिति व उसके टूटने के पश्चात प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में विस्तृत पूछताछ की। जिस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि नदी तटबंध के किमी 17.200 से किमी0 17.800 के मध्य सटकर विगत वर्ष से प्रभावित हो रही है जिसके सुरक्षा हेतु रेवेटमेंट का कार्य कराया गया था। इस स्थल पर नदी का प्रवाह लगभग 500-700मी० की चैड़ाई में प्रभावित हो रही थी जो घटकर तटबन्धों के समीप 50-100 मी० की चैड़ाई से होकर प्रवाहित हो रही है। तटबंध के विपरीत दिशा में नदी द्वारा सिल्टिंग की गई है, जिससे नदी की धारा तटबंध पर अत्यधिक वेग से दबाव बनाकर प्रभावित हो रही है। बन्धे के पास नदी का वेग बढ़ने एवं इससे उत्पन्न तीव्र प्रकृत का बहाव जिसे लोकल भाषा में मशीना कहते हैं, बंधे को मात्र 30 मिनट में क्षतिग्रस्त कर दिया। क्षतिग्रस्त स्थल के पीछे रिंग बांध का निर्माण कार्य 03 मी० चैड़ाई एवं 70 सेंटी मी० ऊंचाई में करा दिया गया है। नदी का जलस्तर 15 से 20 सेटीमीटर जी0 एल० से ऊपर होने एवं रिंग बांध का निर्माण जी0 एल० से 70 सेमी०ऊचाई में युद्धस्तर पर कराये जाने के कारण किसी प्रकार से आबादी क्षेत्र में नदी का पानी प्रवाहित नही हो रहा है। यह भी अवगत कराया गया कि विगत वर्ष 540 मिमी वर्षा के सापेक्ष इस वर्ष 1147 मिमी वर्षा हो चुकी है जो गत वर्ष के सापेक्ष लगभग 2 गुना है। इसके साथ ही गत वर्ष 3 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज के सापेक्ष 4 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। इस वर्ष कोविड-19 के बावजूद भी कार्य कराया गया है और स्परों के निर्माण से बचाव भी संभव हुआ है।

बाढ़ प्रभावितों को हर संभव राहत मुहैया कराएं अधिकारी – श्री बलदेव औलख

बैठक में माननीय पिछड़ा वर्ग मंत्री ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया है कि सभी तटबन्धो पर 24 घंटे पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाए।  नावें क्षतिग्रस्त न हो तथा उस पर क्षमता से ज्यादा आदमी ना बैठने पाएं और क्षमता से अधिक सामान भी न लादा जाए। लाइटिंग व जनरेटर की व्यवस्था की जाए और पहले से ही यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मिट्टी का तेल व डीजल की व्यवस्था सुनिश्चित हो। बाढ़ प्रभावितों को दी जाने वाली राशन किट में सभी सामान मानक के अनुरूप हो। जलजमाव वाले क्षेत्रों में छिड़काव की भी व्यवस्था हो तथा पानी उतरते समय विशेष ध्यान रखा जाय ताकि बीमारियां न फैलने पाएं। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किए जाएं तथा आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण कर चुके होम गार्डों की ड्यूटी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगाई जाय। तटबन्धों पर विशेष सतर्कता बरती जाय और सम्भावित खतरे को देखते हुए सभी तैयारियां पहले से ही कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम से रोजाना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लेखपाल व ग्राम प्रधान व अन्य कर्मियों से सुबह ही वार्ता कर स्थिति की जानकारी प्राप्त कर ली जाय और कन्ट्रोल रूम को पूरी तरह से सक्रिय रखा जाय।
बैठक में माननीय राज्य मंत्री जलशक्ति श्री बलदेव औलख ने बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रभावित क्षेत्रों के सम्बन्ध में विस्तृत पूछताछ की। इसके साथ ही उन्होेंने विद्युत आपूर्ति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जिसके सम्बन्ध में बताया गया कि विद्युत से कोई दुर्घटना न घटे इसके लिए कुछ क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बन्द की गई है तथा प्रकाश आदि की व्यवस्था हेतु वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। बैठक में माननीय मंत्री द्वय ने सभी से बाढ़ जैसी आपदा में सहयोग करने की अपील की है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं पर खतरे की स्थिति नहीं है। संवेदनशील स्थलों पर सतत निगरानी रखते हुए ऐसे स्थलों पर बचाव के लिए मैटीरियल का स्टाॅक व अन्य आवश्यक उपकरण पहले से सुनिश्चित रखें ताकि तात्कालिक आवश्यकतानुसार कार्य कराया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के दृष्टिगत यह सुनिश्चित किया जाय कि अवर अभियन्ता सहित अन्य कर्मी अवकाश पर न जाएं तथा अपने दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन करें।

बैठक में जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत सभी बंधों पर पेट्रोलिंग का कार्य कराया जा रहा है तथा 23 बाढ़ चाौकियां पहले से ही सक्रिय हैं। सकरौर-भिखारीपुर तटबंध पर एकाएक कटान हुई है, परन्तु कटान से किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। राहत व बचाव के दृष्टिगत मेडिकल की 19 टीमें, पशुपालन विभाग की 05  टीमें, 02 राहत वितरण केन्द्र संचालित हैं। इसके अलावा 30716 लोगों को क्लोरीन की टैबलेट तथा 1664  लोगों को ओआरएस घोल के पैकेट बांटे गए हैं। 1209 लोगों को उपचारित करने के साथ ही 01 लाख 53 हजार 901 पशुओं का टीकाकरण, 07 गांवों में फागिंग, 36 गांवों में कीटनाशकों का छिड़काव, 3763 बच्चों तथा 2993 महिलाओं का टीकाकरण किया गया। बाढ़ प्रभावित 501 लोगों को तिरपाल, 1432 लोगों फूड पैकेट तथा 442 लोगों राशान किट वितरित करने के साथ ही 02 हजार लीटर शुद्व पेयजल तथा पशुओं के लिए 45 कुन्तल भूसे का निःशुल्क वितरण किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि तहसील तरबगंज अन्तर्गत सकरौर-भिखारीपुर तटबंघ कटने से विशुनपुरवा मजरे के 08 परिवारों के 25 लोग व्यक्ति प्रभावित हुए हैं जिन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित कर दिया गया है।

बैठक में मा0 विधायक तरबगंज प्रेम नरायण पाण्डेय, जिलाध्यक्ष सूर्य नारायण तिवारी, अपर मुख्य सचिव सिचंाई श्री टी0 वेंकटेश, डीएम डा0 नितिन बंसल, एसपी आर0के0 नैयर, अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी, चीफ इन्जीनियर सरयू परियोजना खंड-1 अखिलेश कुमार सचान, सरयू परियोजना खंड-2 राकेश कुमार, एसडीएम करनैलगंज ज्ञान चन्द्र गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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