गुरु शिष्य परम्परा को एक कदम आगे बढ़ाते हुए शिक्षक ने किया जितिया व्रत


मनेर। भारत एक ऐसा देश है जहां गुरु को भगवान से भी ऊपर माना जाता है। कारण की गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पावँ, बलिहारि गुरु आपने गोविंद दियो बताये। अर्थात ईश्वर का भान कराने वाले गुरु ही हैं।

बिहार राज्य की राजधानी पटना से 23 किलोमीटर पश्चिम सोन नदी, गंगा नदी व सरयू नदी के त्रिवेणी संगम पर बसा है मनेर। मनेर प्रखंड के सुअरमरवा पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय सुअरमरवा अनुसूचित जाति में एक शिक्षक हैं- मनोज कुमार चौरसिया। जो अपने विद्यालय के सभी विद्यार्थियों के लिए पिछले पांच वर्षों से पूरे अनुष्ठान के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत करते आ रहे हैं। ज्ञातव्य है की मनोज चौरसिया ने वर्ष 2014 में इस विद्यालय में अपना योगदान बतौर पंचायत शिक्षक के रूप में दिया। और तब से प्रति वर्ष यह पर्व पर निर्जला व्रत रखकर विद्यालय के विद्यार्थियों के भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।

इस वर्ष मनोज चौरसिया का छठा वर्ष है। शिक्षक मनोज कुमार चौरसिया की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे अपने कर्तव्य का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करते हैं। लॉक डाउन होने के बावजूद वो विद्यालय के बच्चों के घर जाकर हाल चाल पूछने का काम करते रहे हैं।

इतना ही नहीं राम नगीना सिंह महाविद्यालय एवं भगवान दास मेमोरियल पब्लिक स्कूल में जब क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था तब मनोज चौरसिया ने बिना किसी भय के सभी प्रवासियों को योग व्यायाम कराने का काम किया।

सुअरमरवा गावं के उपमुखिया भिखारी राय, समाजसेवी अजय कुमार सिंह, लगन कुमार, बबलू कुमार ने बताया कि आज के समय में मनोज चौरसिया जैसा शिक्षक विरले ही मिलते हैं। इनके हमारे गावं में पोस्टिंग होने से हमारा गावं धन्य हो गया है। वहीं पूछे जाने पर शिक्षक मनोज चौरसिया ने बताया कि इस धरा धाम पर माता पिता के बाद बच्चों का भला चाहनेवाला कोई है तो वो उसका शिक्षक ही है। यही कारण है कि मैं भली भांति जनता हूं कि माता पिता का स्थान नहीं ले सकता फिर भी माता पिता दोनों के रूप में विराजमान इस धरती पर गुरु होने के नाते मैं प्रति वर्ष जितिया व्रत का अनुष्ठान पूरी श्रद्धा के साथ करता हूं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *