सहारनपुर। सुशील कपिल: सहारनपुर बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत एनपीआरसी में हुए फर्नीचर खरीद घोटाले में आरोप सही पाये गए हैं। इस मामले में बीएसए द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच में सामने आया है कि जिला समन्वयक द्वारा ही फर्नीचर खरीदने और भुगतान के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाया था। अब पुलिस ने दो आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने थाना सदर बाजार में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा कि निदेशालय राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देशों के अनुपालन में न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर फर्नीचर खरीदने के लिए बजट आवंटित किया गया था। आदेश के अनुसार फर्नीचर खरीद विद्यालय प्रबंध समिति को करनी थी, भौतिक सत्यापन में पाया कि खरीदा गया कि फर्नीचर मानक के अनुरूप नहीं था तथा निर्धारित धनराशि से बहुत कम राशि का था। इस बारे में संबंधित विद्यालयों में प्रबंध समिति के सचिव से पूछा गया तो उन लोगों ने बताया कि फर्नीचर उन लोगों ने नहीं खरीदा, बल्कि फर्नीचर विद्यालय पर वाहन चालक नफीस लेकर आया। उसने बताया था कि यह फर्नीचर तुषार शर्मा ने जिला समन्वयक विजयंत के कहने पर भेजा है।
नफीस ने अपने मोबाइल से जिला समन्वयक विजयंत से बाल कराई थी कि यह फर्नीचर खरीदा गया है। जिला समन्वयक के दबाव में आकर मानक के अनुरूप न होने पर भी फर्नीचर को रख लिया गया, और उसके बाद जिला समन्वयक के दबाव में भुगतान किया गया। बीएसए ने कहा कि फर्नीचर मानक के अनुरूप न होने तथा अधिक भुगतान किए जाने का मामला है, जो सरकारी धनराशि का धोखा देकर गबन करना है। उन्होंने आरोपितो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने को कहा। थाना पुलिस के अनुसार रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। तुषार शर्मा और जिला समन्वयक विजयंत को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।