नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीनी सीमा पर बढ़ रहे तनाव के बीच रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने आज केके रेंजेस, आर्मर्ड कोर सेंटर और स्कूल अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन से लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। फायर की गयी मिसाइल ने तीन किमी दूर स्थित टारगेट को सटीक तरीके से हिट किया और उसे ध्वस्त कर दिया। इस तरह से एंटी टैंक मिसाइल के मामले में देश ने आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज ट्विटर पर डीआरडीओ को उसके नयी सफलता की बधाई दी। उन्होंने कहा, “भारत को टीम डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।”
इसके अलावा अभ्यास नाम के एक हवाई वाहन का भी सफल परीक्षण ओडिशा के बालासोर में किया गया। यह हवाई वाहन मिसाइलों और हथियारों के परीक्षण में काम आता है। बता दें कि भारत के पास ऐसी मिसाइलों में पहले से ही नाग जैसी गाइडेड मिसाइल है। वर्तमान में जिसे मिसाइल कैरियर से छोड़ा जाता है। यह मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकता है। इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है। जिसके बाद नाग अचानक ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर तेजी से उसकी ओर चल देती है।
कल डीआरडीओ ने अभ्यास नाम के एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का सफल उड़ान परीक्षण भी किया था। उड़ान परीक्षण ओडिशा के अंतरिम टेस्ट रेंज, बालासोर से किया गया था। इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है।