प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ने मौसम साफ होते ही पकड़ी तेजी - Sahet Mahet

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ने मौसम साफ होते ही पकड़ी तेजी


मानसून सीजन में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित होने के बाद अब मौसम साफ होते ही निर्माण कार्यों में तेजी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में 3 काम चल रहे हैं. जिनमें आस्था पथ का कार्य पूरा हो चुका है. अब यहां बैंच, लाइटिंग और म्यूजिक सिस्टम लगाए जाएंगे जिससे दिव्यांग श्रद्धालुओं को यात्रा में आनंद की अनुभूति हो सके. इसके साथ ही शंकराचार्य समाधि स्थल को हूबहू पहले की तरह तैयार को किया जा रहा है और एक माह के भीतर तीर्थ पुरोहितों के 3 भवनों का कार्य भी पूरा हो जायेगा.

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य कर रही वुड स्टोन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि मानसून सीजन में धाम में पुनर्निर्माण कार्यों को करने में काफी दिक्कते हुई. गौरीकुण्ड से केदारनाथ के बीच पैदल मार्ग के जगह-जगह खराब होने से भारी सामान नहीं पहुंचाया जा सका जबकि सीमेंट वर्क भी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि अब मौसम साफ हो रहा है तो निर्माण कार्यों में भी तेजी देखने को मिल रही है. मंदाकिनी के किनारे आस्था पथ का निर्माण पूरा चुका है. यह आस्था पथ दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया है, जिससे उन्हें भगवान केदारनाथ के दर्शन करने में आसानी हो सके. लाइटिंग और म्यूजिक सिस्टम के साथ-साथ बैंच लगाई जानी है. जिससे दिव्यांग श्रद्धालु भगवान केदारनाथ की भक्ति में लीन होकर दर्शन कर सकें.

धाम में 28 करोड़ की लागत से आस्था पथ और चार घाटों का निर्माण किया गया है. आस्था पथ की लंबाई 504 मीटर है और यह मार्ग केदारनाथ मंदिर के पीछे 3D सुरक्षा दीवार से मंदाकिनी व सरस्वती के संगम तक बनाया गया है. मंदाकिनी नदी की ओर से सुरक्षा दीवार बनाए जाने से तीर्थ पुरोहितों के लिए भवन बनाने में सुविधा मिलेगी और उन्हें काफी जमीन भी सुरक्षित मिलेगी. धाम में 20 करोड़ की लागत से केदारनाथ मंदिर के पीछे आदि गुरू शंकराचार्य समाधि स्थल का कार्य भी जारी है. पहले चरण में खुदाई का कार्य पूरा किया गया तो दूसरे चरण में बनावटी का कार्य चल रहा है. इसके साथ ही 7 करोड़ की लागत से केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के पांच भवनों का कार्य किया जा रहा है. इनमें दो भवन पहले ही बन चुके हैं, जिन्हें तीर्थ पुरोहितों को सौंपा जा चुका है. जबकि तीन भवन बनकर तैयार होने को हैं. ये भवन भी एक माह के भीतर तीर्थ पुरोहितों को सौंप दिये जाएंगे.


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