पीलीभीत: सरकार की सीटू मैनजमेंट योजना के तहत ट्रे्क्टर व अन्य कृषि उपकरण मिलेंगे अब 80 प्रतिषत अनुदान पर


पीलीभीत। धर्मेन्द्र सिंह चौहान: यूपी के पीलीभीत जिले में अब खेतो में किसान फसल अवशेष को न जलाकर उसका प्रबन्धन कर खाद के रूप में उपयोग करेगा। क्योकि किसानो द्वारा खेतो में पराली जलाने से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है और किसानो पर भी एफआईआर हो जाती है, लेकिन सरकार की सीटू मैनजमेंट योजना के तहत ट्रे्क्टर व अन्य कृषि उपकरण 80 प्रतिषत अनुदान पर मिल रहे है। इन उपकरणो से पराली को काटकर जैविक खाद बनायी जायेगी।

पीलीभीत में भारत सरकार की सीटू मैनेजमेंट योजना के तहत पराली प्रबंधन किया जा रहा है इसमे गांवों की महिला स्वयं सहायता समूह व किसानों को काफी लाभ मिल रहा है, फर्म मशीनरी बैंक के तहत 15 लाख रू0 के कृषि यंत्र 80 प्रतिषत के अनुदान पर दिए जा रहे है, इस योजना के अन्तर्गत जनपद में कई स्वयं सहायता समूहों को 80 प्रतिषत के अनुदान पर व व्यक्तिगत कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत 40प्रतिषत अनुदान पर इस वर्ष 103 किसानों को ये यन्त्र दिए गए है। इस यन्त्र योजना को संचालित करने का मुख्य उद्देष्य फसल अवषेष को न जलाकर उसका प्रबन्धन कर खाद के रूप में उपयोग करना है। यह यंत्र पराली को काटकर जैविक खाद का रूप देंगे।  

इस योजना के तहत किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने के साथ साथ अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है। क्योकि पराली जलाना एक अपराध है इसके तहत रू0 2500 से 15,000/-रू तक जुर्माना लगाया जाता है।

किसानो की माने की पराली को लेकर किसान काफी बदनाम हो रहा था साथ ही किसानाें काे एफआईआर से लेकर जेल भी जाना पड़ रहा था, लेकिन सरकार की सीटू मैनेजमेंट यन्त्र योजना से अब पराली प्रबंधन अच्छे से हो रहा है क्योकी पिछले वर्ष सेटेलाइट से 193 किसान पराली जलाते पकड़े गए थे, तो इस वर्ष मात्र 5 किसानों के खेत मे ही सेटेलाइट से तस्वीरे मिली। इसलिये हम कह सकते है कि सरकार की किसानो को दी गयी ये योजना र्प्यावरण को बचाने में एहम भूमिका निभा रही है।


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