जन्माष्टमी का त्यौहार इस वर्ष 11 जुलाई यानी मंगलवार को मनाया जाएगा। मंदिरों में कृष्ण कन्हैया को सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। झूले पर भगवान को झूलाया जाएगा। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए भक्तों की भीड़ नहीं लगेगी। मंदिर प्रबंधन को प्रशासन की तरफ से जारी आदेशों का सख्ती से पालन करना होगा।
सेक्टर 12 स्थित सनातन धर्म शिव मंदिर, न्यू हाउसिग बोर्ड कालोनी स्थित राधा कृष्ण मंदिर, श्रीराम चौक स्थित गंगाधाम मंदिर व मॉडल टाउन सनातन धर्म मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस त्योहार को देखते हुए मंदिरों में शनिवार से लड्डू गोपाल को सजाया जा रहा है। सेक्टर 12 स्थित सनातन धर्म मंदिर में मूर्तियों को स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कराए। पंडित राम प्रकाश पाठक ने बताया कि जन्माष्टमी पर मंदिर को सजाया जाएगा। दोपहर में झूला मंदिर के भीतर लगेगा। शाम को उसे मंदिर के द्वार पर लगाएंगे। कोविड 19 को देखते हुए भजन कीर्तन का कार्यक्रम इस बार नहीं होगा। मंगलवार सुबह 9:07 बजे से अष्टमी मंगलवार 11 अगस्त को अष्टमी तिथि सुबह नौ बज कर सात मिनट से शुरू होगी। 12 अगस्त को सुबह 11 बज कर 17 मिनट तक रहेगी। कृष्ण भगवान का जन्म अष्टमी में रात 12 बजे हुआ था। पंडित रामप्रकाश पाठक का कहना है कि पर्व का निर्धारण तिथि के अनुसार किया जाता है। परंपरा या धर्ममतानुसार नहीं होता है। 23 फरवरी 2020 को सनातन धर्म संगठन पानीपत के तत्वावधान में हुए ब्राह्मण सम्मेलन में यही निर्णय लिया गया था कि हम पंचांग के किसी नियम का अतिक्रमण नहीं करें।