उत्तर प्रदेश। यूपी में बहुत जल्दी योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। जिसको लेकर काफी चर्चा भी हो रही है। विधायकों के असंतोष के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें आना कई अटकलें लगा रहा है। माना जा रहा है कि, मंत्रीमंडल के विस्तार के जरिए विधायकों के असंतोष को साधने की कोशिश की जा रही है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों हर तरफ ब्राह्मणों की चर्चा है। हर पार्टी ब्राह्मण नाम की माला जप रही है. हर एक के अपने-अपने ब्राह्मण हैं। कोई भगवान परशुराम के नाम पर मूर्तियां बनवाने की बात कर रहा है तो कोई परशुराम के नाम पर अस्पताल और रैन बसेरे। इन सबसे आगे बढ़कर बीजेपी के MLC उमेश द्विवेदी ने ब्राह्मणों के लिए जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस कराने की बात कही है। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान को नीजि बताया. लेकिन यूपी में अचानक आए ब्राह्मण कार्ड के पीछे वजह क्या है?
खबरों की मानें तो सितंबर के दूसरे हफ्ते में यूपी के मंत्री मंडल का विस्तार हो सकता है। आपको बता दें कि कमल रानी और चेतन चौहान के कोरोना से निधन के बाद मंत्रीमंडल के दो पद खाली हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो ब्राह्मणों को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर चर्चाएं हैं ।
बहुत जल्द सरकार व संघ के प्रमुख लोग बैठकर मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करेंगे माना यही जा रहा है कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में ब्राम्हण को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हावी है इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में कई ब्राह्मण चेहरों को मंत्री बनाया जा सकता है ।