अयोध्या: कुंभ मेले को लेकर कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के बयान पर अयोध्या के संतों ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया


अयोध्या। मयंक श्रीवास्तव: असम सरकार के मदरसों के बंद करने के निर्णय के बाद कुंभ मेले को लेकर कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के बयान पर अयोध्या के संतों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कांग्रेस के नेता को सरकारी पैसे का मतलब समझने की आवश्यकता है। उन्हें देश की व्यवस्था बिगाड़ने की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। वहीं आचार्य पीठ तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंस दास और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने डॉ उदित राज के इस बयान को मूर्खतापूर्ण बताया है। संतों ने कांग्रेस के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए देश ने विभाजन की नीति पर कार्य करने का आरोप लगाया।

असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है, मदरसे को बंद करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। असम सरकार के निर्णय को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने कुंभ मेले के आयोजन पर भी सवाल खड़े किए हैं। उदित राज ने कहा ट्वीट है कि धर्म आधारित शिक्षा को अगर बंद करने का निर्णय लिया गया है तो कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ों रुपए नहीं खर्च किए जाने चाहिए थे। बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन कांग्रेसी नेता की टिप्पणी से भारतीय जनता पार्टी, सनातन धर्म समर्थक संतों महंत और धर्म आचार्यों में नाराजगी है।

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सरकार के पास जो भी पैसे हैं सब जनता के हैं। मठ मंदिर सरकार को टैक्स चुकाते हैं. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि पहले यह डॉक्टर की राज को यह बताना चाहिए कि सरकारी पैसे आते कहां से हैं। सभी सरकारों के जिम्मेदारी होती है कि वह मठ मंदिर और धार्मिक आयोजन में भी सहयोग करे। सरकार किसी धार्मिक कार्य में धन खर्च करने के लिए स्वतंत्र है। कुंभ मेले के आयोजन को लेकर डॉ उदित राज का बयान गलत है। उन्हें व्यवस्था बिगाड़ने वाली भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राजनीति करनी होती है तब ही इस तरह के बयान दिए जाते। पहले भी जो सरकारें रहीं हैं वे धार्मिक आयोजनों और कुंभ मेले जैसे आयोजन में सहयोग करती रही हैं। वही तपस्वी जी की छावनी की आचार्य परमहंस दास ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सनातन धर्म के विरोध में काम करती रही है। कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।

कुंभ में पूरे देश के श्रद्धालु जाते हैं। अगर वहां सरकार व्यवस्था नहीं करेगी तो इतना बड़ा आयोजन होना संभव नहीं है। भीड़ में अव्यवस्था के चलते कितने लोगों पर खतरा हो सकता है कुंभ मेले के आयोजन पर सवाल खड़ा करने से पहले डॉ उदित राज को मदरसों में जाने वाले पैसों पर भी रोक लगाने की मांग करनी चाहिए थी। परमहंस दास ने कहा कि कांग्रेसी नेता का यह बयान गैर जिम्मेदाराना है। कांग्रेस हमेशा बहुसंख्यक समाज की आस्था को आहत और भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात करती रही है। ऐसे बयान की धर्माचार्य आलोचना करते हैं। असम सरकार के मदरसों की शिक्षा पर सरकारी फंड ना देने के निर्णय को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने सही ठहराया है। वहीं डॉ उदित राज के बयान को राजू दास ने दुर्भावना और वे से प्रेरित बताया है। देश, सनातन संस्कृति, साधु संत और आम जनमानस के प्रति उदित राज के मन में जो विकृति है उसी का परिणाम उनका यह बयान है।

राजू दास ने कहा कि जिस पार्टी से उदित राज जुड़े हैं उस पार्टी के आकाओं ने देश को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया। यह देश सनातन संस्कृति, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, आम जनमानस और मानवता का कल्याण करने वालों का है। राजू दास ने कहा कि डॉ उदित राज को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए अगर वह ऐसा कहते हैं तो यह मूर्खतापूर्ण बात मानी जाएगी।


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