300 साल पुराने गुरु ग्रंथ साहिब की एक दुर्लभ प्रति को गुरुद्वारा डेरा साहिब के अंदर रखने की मांग


लाहौर | पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोग गुरु ग्रंथ साहिब की पुरानी और दुर्लभ प्रतिलिपि को गुरुद्वारा डेरा साहिब के अंदर रखना चाहते हैं। यह धर्मग्रंथ लाहौर स्थित एक संग्रहालय में रखा है।

पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के पूर्व प्रमुख सरदार बिशन सिंह ने कहा कि इसे किसी भी सामान्य किताब की तरह एक कोठरी में नहीं रखा जा सकता है। उन्होने यह भी कहा कि दुर्लभ ग्रंथ को गुरुद्वारे में स्थानांतरित करना चाहिए या समुदाय के एक सदस्य को पवित्र ग्रंथ की देखभाल करने के लिए रखना चाहिए जैसा कि सिख रीति-रिवाजों द्वारा निर्धारित है। उन्होंने कहा कि वह पीएसजीपीसी की अगली बैठक के एजेंडे में यह मांग रखेंगे।


कुछ अनुमानों के अनुसार, यह प्रतिलिपि तीन सौ साल पुरानी है। लाहौर म्यूजियम शोधकर्ता अलिजा सबा रिजवी का कहना है कि इस पर कोई तारीख नहीं है, लेकिन लेखन और स्याही से पता चलता है कि यह तीन सौ साल से अधिक पुराना है।
रिजवी ने कहा, “यह गुरु ग्रंथ साहिब की एक दुर्लभ प्रति है।”
उन्होने यह भी बताया कि पवित्र ग्रंथ की एक समान प्रति भारत के स्वर्ण मंदिर में भी है।

रिपोर्ट के मुताबिक संग्रहालय के एक अधिकारी ने बताया कि पवित्र धर्मग्रंथ की हस्तलिखित प्रति सहित दूसरी कलाकृतियां संग्रहालय को विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों से दान में मिली थीं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *