पत्रकारों की छंटनी और झूठे मुकदमों में फंसाने, गिरफ्तार करने के खिलाफ मुज़फ़्फ़रपुर में ‘एनयूजे बिहार’ के पत्रकारों का धरना


मुज़फ़्फ़रपुर| रूपेश कुमार| देशभर में हो रहे पत्रकारों पर हमले, फर्जी मुकदमों में फंसने की कार्यवाही और कोरोना व लॉकडाउन के नाम पर मीडिया घरानों द्वारा पत्रकारों की बड़े पैमाने पर की गयी छंटनी के विरोध में मंगलवार को खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर ‘एन यू जे, बिहार’ के तत्वावधान में मुज़फ़्फ़रपुर जिला इकाई द्वारा धरना दिया गया।

इस दौरान “पत्रकारों पर हमले बंद करो”, “पत्रकारों की छंटनी वापस लो” और “गिरफ्तार पत्रकार को रिहा करो” “झूठे मुकदमे वापस लो”,जैसे नारे भी लगाये।

धरना मे नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट, बिहार(एन यू जे, बिहार) के महासचिव ऋतेश अनुपम ने बताया कि यह विरोध मार्च सांकेतिक है। इसके बाद भी अगर मीडिया प्रबंधन द्वारा पत्रकारों की अवैध तथा अनैतिक छटनी नहीं रोकी गई तो अखबार के दफ्तरों के आगे धरना प्रदर्शन किया जायेगा। पत्रकारों की छंटनी रोकने और छंटनी किए गए पत्रकारों की सेवा पुनः बहाल करने को लेकर प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सारे प्रबंधन को पत्रकार परिसंघ की ओर से चिट्ठी लिखी जायेगी।

उन्होंने बताया कि एन यू जे, बिहार राज्य सरकार से मांग करता है की हाल के समय में पत्रकारों पर एक के बाद एक कई जानलेवा हमले हुए हैं। त्रिवेणीगंज (सुपौल), वैशाली, सिवान आदि कई जगहों पर पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे और उन पर हुए हमलों को लेकर पुलिस प्रशासन का रवैया सुस्त रहा है। अगर पत्रकारों पर हमले नहीं रुके तथा झूठे व फर्जी मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो एन यू जे, बिहार क्रमवार तरीके से आंदोलनात्मक रुख अख्तियार कर विरोध प्रस्तुत करेगा। इस सम्बंध में राज्यपाल के जरिये केंद्रीय गृहमंत्री को भी ज्ञापन दिया जायेगा।

विरोध मार्च में शामिल पत्रकारों में वरिष्ठ पत्रकार ,अजय शाही,अजय कुमार पांडेय, संजीव कुमार,प्रवीण ठाकुर, रूपेश कुमार, मनोज कुमार,संतोष तिवारी, सुनील कुमार शाही अकेला, मुकेश चौरसिया, शीला चंद्रा, नीरज कुमार,अरविंद अकेला, अभिषेक कुमार,अमर ओझा, संदीप कुमार, इरशाद आजम,राहुल कुमार, विकाश मिश्रा, मोहहमद खालिक आदि प्रमुख थे।


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