बुलंदशहर: भाजयुमो नेता रहे शिखर अग्रवाल ने 7 महीने 14 दिन जेल में रहकर “मेरा अपराध” नामक लिखी पुस्तक


शिखर अग्रवाल

बुलंदशहर। ज़ीशान अली: यूपी के बुलंदशहर के स्याना में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की वारदात के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी भाजयुमो नेता रहे शिखर अग्रवाल ने 7 महीने 14 दिन जेल में रहकर “मेरा अपराध” नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें शिखर अग्रवाल ने स्याना हिंसा के अनसुलझे पहलुओं व बेकसूर व्यक्ति के जेल जीवन पर आत्मबोध चिंतन को अंकित करने का दावा किया है।

शिखर अग्रवाल

साथ ही पुस्तक के माध्यम से एसआईटी की जांच को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। बता दें कि स्याना हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, हिंसा में मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध का सर्विस रिवाल्वर व मोबाइल फोन का बरामद न होना, बेकसूर युवाओं को जेल भेजे जाने, 17 नामजदों के नाम निकाले जाने आदि का उल्लेख करने का शिखर ने आत्मबोध वर्णन करने का दावा किया है।

दरअसल बुलंदशहर के स्याना में 3 दिसंबर 2018 को भड़की हिंसा में स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध व एक युवक सुमित की मौत हो गई थी । वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। चिंगरावठी पुलिस चौकी को फूंक दिया गया था। पुलिस ने उस समय भाजयुमो के नेता शिखर अग्रवाल सहित 27 लोगों को नामजद व 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ 21 धाराओं में मामला दर्ज किया था।

जिनमें से 44 आरोपीयो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, 41 आरोपीयो को बाद में जमानत मिल गई , आज भी 3 आरोपी जिला जेल में बंद है। 7 महीने 14 दिन जेल में रहने के दौरान स्याना हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल ने अपनी इसी पुस्तक मेरा अपराध को 160 पन्नो में लिखा , शिखर अग्रवाल अपनी पुस्तक के कवर पृष्ठ को दिखाते हुए दावा कर रहे हैं कि स्याना हिंसा के तमाम अनसुलझे पहलुओं का पुस्तक में वर्णन किया गया है, 33 हज़ार शब्द व 160 पेज वाली मेरा अपराध पुस्तक में एसआईटी की जांच को भी कटघरे में खड़ा किया गया है। हिंसा में मारे गए युवक सुमित के भी शिखर अग्रवाल ने निर्दोष होने का दावा किया है।

शिखर की माने तो पुस्तक में स्याना हिंसा का आत्मबोध चिंतन और युवाओं को दिशा देने वाला होगा, जिसका विश्व पुस्तक मेले में 4 से 12 जनवरी 2021 के बीच विमोचन कराया जाएगा तथा पुस्तक बुक स्टॉल्स के अलावा अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, बुक मार्ट जैसी बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के माध्यम से भी पुस्तक को उपलब्ध कराया जाएगा और पुस्तक से मिलने वाली रॉयल्टी जेल के बंदियों के कल्याण में प्रयोग में लाई जाएगी।


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