बाराबंकी। अर्जुन सिंह: बाराबंकी में नगर कोतवाली इलाके के बस्ती गांव में ज़मीन का टुकड़ा खून के रिश्तों पर भारी पड़ गया । ज़मीन की खातिर सगे देवर और देवरानी ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर धारदार हथियारों और लाठी डंडों से हमला कर जहा भाभी को मौत के घाट उतार डाला वही भतीजी को बुरी तरह जख्मी कर दिया जिसका जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ईलाज चल रहा है।
पीड़ितों के परिजनों की माने तो काफी दिनों से चल रहे इस विवाद को लेकर कई बार स्थानीय पुलिस चौकी पर शिकायत करी गयी लेकिन पुलिस ने विपक्षियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बदले उन्हें ही बुरा भला कह कर पुलिस चौकी से भगा दिया। पुलिस के इस रवैये के चलते आरोपियों के हौसले बढ़ गए और उन्होंने इस खूनी घटना को अंजाम दे डाला।
हालांकि क़त्ल की वारदात से पहले जो पुलिस अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है वो इस खूनी वारदात के बाद हरकत में आयी और घायल युवती और मृतका के परिजनों का बयान दर्ज करने पुलिस के आला अधिकारी आनन फानन ही अस्पताल पहुच गए। लेकिन सवाल यही है कि ये तेजी अगर पुलिस ने पहले दिखायी होती तो शायद ना महिला को अपनी जान गवानी पड़ती और न ही उसकी बेटी अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ रही होती।