आगरा: प्रसव की कीमत चुकाने को किया जिगर के टुकड़े का सौदा


आगरा। ममता भारद्वाज: ताजनगरी आगरा में एक महिला अपना प्रसव कराने निजी अस्पताल गई, डॉक्टर ने प्रसव के बाद 30 हजार रुपये का बिल थमा दिया। कर्ज में चार महीने पहले मकान डूब गया, निजी अस्पताल में प्रसव तो करा लिया लेकिन अस्पताल की फीस के लिए पैसे न जुटा पाई। लाचार पति पर केवल पांच सौ रुपये थे। डॉक्टर ने कहा पैसे नहीं हैं तो बदले में अपना बेटा देना पड़ेगा। डॉक्टर ने प्रसव की कीमत के बदले उसका बेटा ले लिया। कुछ और पैसे देकर कागजों पर अंगूठा लगवा लिया और बच्चा अपने रिश्तेदार को बेच दिया।

दरसल मोतीमहल के संभु नगर में रिक्शा चालक शिवचरण अपनी पत्नी बबिता को प्रसव कराने आगरा यमुनापार जे पी अस्पताल ले गया जहां जहां उसकी पत्नी बबिता ने एक बेटे को जन्म दिया ,जब छूती का बक्त आया था अस्पताल ने उसे 30 हजार रुपये का बिल थमा दिया ,जब शिव चरण ने 30 हजार रुपये देने में अश्मर्थता जताई तो अस्पताल की तरफ से उसके वेटे को खरीदने की बात कही लेकिन कहावत है ‘मरता क्या न करता’ शिवचरण ने पहले मना किया, बाद मे अस्पताल ने उसे 60 हजार रुपये देकर टरका दिया।

जब शिवचरण अपनी पत्नी को घर वापस लाया तो परिजन और पड़ोसियों ने बच्चे के बारे में जाना। जब पड़ोसी और परिजनों को यह जानकारी हुई कि पीड़िता बबीता ने अपने जिगर के टुकड़े को ₹100000 में अस्पताल प्रबंधन को ही बेच दिया तो लोगों ने उन पति पत्नी को ताने देना शुरू कर दिया। बस बबीता और शिवचरण को यहीं से हीन भावना होने लगी और यह बात स्थानीय पार्षद और स्वास्थ्य विभाग की टीम को जानकारी दी। शिवचरण का बच्चा अभी वापस तो नहीं हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और अस्पताल को सील कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर उस माँ के जिगर का टुकड़ा कब तक उसे मिल पाएगा और ऐसे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और पुलिस क्या कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।


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