1 करोड़ की जमीन पर 361 करोड़ का मुआवजा “एक टके की बुलबुल नौ टका हुस्काई” | BREAKING NEWS


लखनऊ (यूएनएस)। नोएडा विकास प्राधिकरण की लापरवाही से 01करोड़ रुपये की जमीन का मुआवजा अब 361 करोड़ रुपये देना पड़ेगा। नोयडा विकास प्राधिकरण में एक टके की बुलबुल नौ टका हुस्काई की कहावत चरितार्थ हो रही है। आवंटी ने 24 अप्रैल 1997 में जमीन खरीदी। जमीन पर आज एक आलीशान माल का निर्माण करा दिया गया। अदालत में आवंटी रेड्डी विरेन्ना ने केस जीता। अब प्राधिकरण उसे मुआवजा तो देगा ही साथ ही उसे उच्चतम न्यायालय के 05 मई के आदेश के बाद से प्रतिदिन करीब 5 लाख रुपये ब्याज भी देना होगा। इस मुआवजा को जारी करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए नोएडा प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को पास कर दिया है।

24 अप्रैल,1997 को छलेरा बांगर सेक्टर-18 खसरा नंबर 422 व 427 कुल 14358 वर्गमीटर जमीन 01 करोड़ रुपये में टी सुधाकर रेड्डी विरेन्ना ने खरीदी। इसमें नोएडा प्राधिकरण ने 6958 वर्गमीटर जमीन 1979-80 में अर्जित की गई। इसके लिए रेड्डी ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की जिसपर 16 फरवरी 2000 को अर्जित भूमि को छोड़कर शेष 7400 वर्गमीटर जमीन पर रेड्डी विरेन्ना का नाम दर्ज किया गया। सिविल कोर्ट के आदेश के बाद भी प्राधिकरण ने वाणिज्यिक भूखंड योजना निकाली। भूखंड संख्या एम-3 54320 वर्गमीटर जिसमे 7400 वर्गमीटर शामिल है ,जमीन डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 173 करोड़ में आवंटित की। इस जमीन पर डीएलएफ ने निर्माण शुरू किया। काम न रोके जाने पर रेड्डी ने दोबारा से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में नोएडा प्राधिकरण और डीएलएफ को पार्टी बनाते हुए रिट फाइल की। कोर्ट ने देखा कि रेड्डी को जमीन नहीं दी जा सकती है इसलिए उसे मुआवजा दिया जाए। इस आदेश के खिलाफ प्राधिकरण ने उच्च्तम न्यायलय में स्पेशनल लीव पिटीशन एसएलपी दायर की जिसे 10 जनवरी 2011 को स्थगित कर दिया गया।


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