नालंदा:मूसलाधार बारिश के कारण मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, सरकार नहीं उठा रही कोई कदम - Sahet Mahet

नालंदा:मूसलाधार बारिश के कारण मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, सरकार नहीं उठा रही कोई कदम


नालंदा |ऋषिकेश कुमार | विधानसभा चुनाव आ गया और चुनाव की तिथि का भी ऐलान हो गया और इस ऐलान के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी पूरी ताकत भी चुनाव जीतने की होड़ में लगा दी। लेकिन इस होड़ में किसी भी जनप्रतिनिधि ने उन किसानों की समस्या के बारे में नहीं सोचा जो हर साल बाढ़ में पूरी तरह से तबाह हो जाते हैं। जब केंद्र की सरकार के द्वारा किसान विरोधी लाया जाता है तो विपक्षी पार्टियों के द्वारा भी हंगामा करके वोट बैंक की राजनीति की जाती है। लेकिन इस बाढ़ जैसी भयानक त्रासदी से निपटने के लिए ना तो विपक्ष कोई ठोस कदम उठाता है और ना ही वर्तमान सरकार कोई ठोस कदम उठाने की जहमत करती है।

ग्रामीण गया प्रसाद ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी अच्छी तरह से पता है कि रहुई प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र इलाका में शुमार है। बावजूद इस बाढ़ जैसी त्रासदी से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और स्थानीय विधायक बीजेपी डॉ सुनील के तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। जिसके कारण इन ग्रामीणों में प्रशासन और स्थानीय विधायक डॉक्टर सुनील के खिलाफ में आक्रोश देखा जा रहा है। पिछले चार साल से इसी तरह बाढ़ का दंश ग्रामीण झेलते आ रहे है। बाढ़ से बचने के लिए दर्जनों घरों के लोग घरों की छतों पर शरण ली है। अगर समय रहते इन्हें सुरक्षित जगह पर नही पहुचाया गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है।


ग्रामीण धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार 3 दिनों से लगातार जो मूसलाधार बारिश हुई है इस बारिश से पंचाने नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि गोबरिया दुल्चन्दपुर गांव समेत कई ऐसे रहुई प्रखंड के गांव हैं जहां पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दुलचंदपुर गांव में तो कई जगह तटबंध भी टूट चुके हैं जिसे स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा मरमति किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल हम लोगों को इसी तरह से बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है और स्थानीय विधायक और प्रशासन सिर्फ मुआयना करके ही छोड़ देते हैं। हर साल बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन के द्वारा खानापूर्ति के नाम पर कुछ बोरे में मिट्टी को भरकर तटबंध को बांधा जाता है और हर बार इसी तरह जलस्तर बढ़ने से तटबंध टूट जाता है।


दुलचंदपुर गांव के ग्रामीण माधुरी देवी ने बताया कि हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे विधानसभा क्षेत्र का विधायक डॉक्टर सुनील बिल्कुल रहुई प्रखंड के कई ग्रामीण विधायक को पहचानने से भी इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि हमारा क्षेत्र का विधायक सिर्फ चुनाव के वक्त वोट मांगने आ जाते हैं। लेकिन वोट लेने के बाद हम किसानों और ग्रामीणों की दर्द सुनने वाला भी कोई नहीं है। आक्रोशित महिला ने इस बाढ़ जैसी त्रासदी में विधायक से लेकर स्थानीय प्रशासन तक मरने की बात कह दी।

लगातार 3 दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है कोई भी प्रशासन का सरकारी महकमा इस ओर ध्यान नहीं दिया। जब पंचाने नदी का जलस्तर बढ़ गया तब कुछ संवेदक को को मिट्टी से भरे बोरे को लेकर दुलचंदपुर गांव में भेजा गया। ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर संवेदक को भी खदेड़ दिया और खुद ही तटबंध बनाने में जुट गए। आलम यह है कि गोबरिया दुलचन्दपुर गांव में पंचाने नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पड़ रहा है। खाने पीने की समय भी उत्पन्न हो गयी है। कभी भी इस इलाके के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इस लगातार पंचाने नदी के जल स्तर बढ़ने से ग्रामीणों में भी इस बात का खौफ देखा जा रहा है। खाने पीने को लेकर भी समस्या उत्पन्न हो गयी है।लाखो रुपये का धान भी इस बाढ़ में डूब चुके है।


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