NDA के लिए चुनौती बन सकते हैं तेजस्वी और चिराग


पटना। बिहार विधानसभा के चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों मे चर्चा है कि एनडीए का नेतृत्व कर रहे सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के सामने राजद नेता तेजस्वी यादव और लोजपा नेता चिराग पासवान युवा मतदाताओं के मामले में संकट पैदा कर सकते हैं।

इस बार युवा मतदाता पार्टियों के लिए अहम साबित हो सकते हैं। बता दें कि राज्य में इस बार पहली बार 75 लाख युवा मतदाता वोट डालने जा रहे हैं। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू के सामने युवा मतदाता चुनौती साबित हो सकते हैं। उनके लिए चिंता की बात है कि विपक्षी दल राजद की अगुवाई युवा नेता तेजस्वी यादव के हाथों में है। साथ ही एनडीए का एक घटक दल लोजपा  अलग से चुनाव मैदान में डटा हुआ है। वहां भी युवा नेता चिराग पासवान हैं। ऐसे में बिहार का विधानसभा चुनाव इस बार कई मायनों में अलग तरह का है। इन सबके बीच सबसे बड़ा मुद्दा युवा नेतृत्व का है।

वे युवा होने के कारण युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव मैदान में इस बार अन्य कई युवा नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें एक प्रमुख नाम शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा का भी है। साथ ही अन्य कई नेताओं के बेटे बेटियां भी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।

भाजपा और जदयू की तुलना में विपक्षी खेमे के पास युवा नेतृत्व होने से एनडीए की चिंताएं बढ़ी हुई है। वे कोशिश कर रहे हैं कि चुनावी मुद्दों में युवा फैक्टर आगे ना आ पाये। बल्कि अनुभव, विकास और केंद्र के साथ रिश्ते चुनाव में हावी रहें।

बिहार की विकास योजनाओं की चर्चा हो और राज्य सरकार के कामकाज पर जनता वोट दे। इसलिए वे राजद के पुराने कार्यकाल की याद भी जनता को दिला रहे हैं।

 सूत्रों के अनुसार, इसी को देखते हुए भाजपा ने अपने युवा मोर्चा और अन्य कार्यकर्ताओं को युवाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी को आगे रखकर एनडीए के लिए समर्थन जुटाने की रणनीति बनाई है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *