अयोध्या। मयंक श्रीवास्तव: राजस्थान के करौली जिले में मंदिर के पुजारी की जलाकर हत्या करने के मामले में अयोध्या के संतों ने कड़ी निंदा की है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की शासन से मांग की है। उन्होंने अपनी मांग को लेकर राम नगरी की सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में अनशन करने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र के पालघर में संतों की मॉब लिंचिंग के बाद अब राजस्थान के करौली जिले में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जला दिया गया। जख्मी हालत में पुजारी को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां पर उपचार के दौरान पुजारी की हॉस्पिटल में ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये विवाद जमीन को लेकर हुआ था। जिसमें आरोप लगाया गया है कि दबंगों ने जमीन पर कब्जा करने को लेकर पुजारी को जलाकर मार दिया। दर्दनाक घटना वाकई मानवता को शर्मसार कर देने वाली है। पुजारी की मौत के बाद पूरा परिवार मामले में न्याय की मांग को लेकर धरना दे रहा था। उनकी ओर से आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की जा रही है। राजस्थान सरकार की ओर से उनकी दोनों मांगें मानी जाने के बाद पुजारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शासन ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात कही है।
पुजारी के परिवार को राजस्थान सरकार की ओर से दी गई आर्थिक सहायता को अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अपर्याप्त बताया है। उन्होंने कहा है कि पहले महाराष्ट्र में संतों की निर्मम होती है। इस मामले में पर किसी ने अपनी जुबान तक नहीं खोला। उसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब राजस्थान में एक ब्रह्मण साधू को पेट्रोल डालकर जला दिया जाता है। पुजारी के 6 बेटियां और एक विक्लांग बेटा है। जिसका भरण पोषण पुजारी करता था। अब उस परिवार का पोषण करने वाला कोई नहीं रहा। ऐसे में सरकार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और उचित सुविधा उपलब्ध काराई जानी चाहिए। राजू दास ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।