नई दिल्ली: मोदी सरकार का एक और राहत पैकेज, राज्यों को मिलेगा 12000 करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज


नई दिल्ली। विषवेश तिवारी: कोरोना काल में आये संकट के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था पर असर को देखते हुए सरकार ने आज एक और राहत पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार ऐसे कदमों का ऐलान किया, जिनसे अर्थव्यवस्था को तेजी मिलने की उम्मीद है।

आपको बता दें की इसके पहले मई में ही मोदी सरकार करीब 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान कर चुकी है। पीएम मोदी ने खासतौर से रुचि लेते हुए लगातार बैठकें की थीं और इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज लाने का ऐलान किया था।

नए ऐलान के मुताबिक सरकार ने इकोनॉमी में मांग बढ़ाने के लिए कुल चार कदम उठाये हैं।

  • सरकारी कर्मचारियों के एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स,
  • कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस देना,
  • राज्य सरकारों को 50 साल तक के लिए बिना ब्याज कर्ज,
  • बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा केंद्र द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना।
  • जानें किस राज्य को कितना मिलेगा कर्ज?

उन्होंने कहा कि 12,000 करोड़ रुपये की राशि में से 1,600 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर राज्यों को और 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 7,500 करोड़ रुपये की राशि शेष राज्यों को दी जाएगी। वहीं 2,000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे जिन्होंने पहले बताए गए सुधारों को पूरा कर लिया होगा।

सीतारमण ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूरी राशि नई या मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च की जा सकेगी। सीतारमण ने कहा कि राज्य ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के लिए बिलों का निपटान भी इससे कर सकते हैं, लेकिन पूरी राशि का भुगतान 31 मार्च 2021 से पहले करना होगा।

वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन सारे कदमों से अर्थव्यवस्था में 31 मार्च 2021 तक करीब 73 हजार करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। उन्होंने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी तो इकोनॉमी में कुल मांग 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है।


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