पटना| विवेक रॉय| दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर कहा कि देश की सच्चाई और जनता के सवालों का जवाब देने से भाग रही है मोदी सरकार। सरकार के पास प्रवासी मजदूरों और कोरोना वायरस का आंकड़ा तक नहीं, इस अतिमहत्वपूर्ण मसले पर सरकार ने अव्वल दर्जे की संवेदनहीनता दिखलायी। दिल्ली दंगों के असली अपराधियों को बचाने और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वामपंथी नेताओं को फंसाने की साजिश चल रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव को एक बड़े राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन में तब्दील कर दे। एनडीए विरोधी विपक्ष की कारगर एकता में जारी दुर्भाग्यपूर्ण गतिरोध की स्थिति में ऊपर की एकता का इंतजार किये बिना नीचे के स्तर पर आंदोलनों का व्यापक मोर्चा बनाये, जनविरोधी व गद्दार नीतीश सरकार को सबक सिखाये।
मोदी सरकार देश की सच्चाई व वास्तविक स्थितियों से लगातार भाग रही है। यहां तक कि सरकार संसद में प्रवासी मजदूरों और डॉक्टरों-स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कोरोना वायरस का डाटा तक उपलब्ध नहीं करवा सकी है। यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों, कोविड के खिलाफ़ अगली कतार में खड़े डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मयों की न्यूनतम मांगों, भयानक बेरोजगारी की मार झेलते करोड़ों बेरोजगारों, कर्ज माफी के सवाल पर आंदोलित महिलाओं- किसानों, स्कीम वर्करों के सवालों-मांगों और देश की अन्य दूसरी सच्चाईयों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।और इन सवालों से बचनें के लिए सरकार ने संसद में कोई प्रश्नकाल ही नहीं रखा।यह संसद की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की भी साजिश है।