अवाम के लिए इंसाफ की जंग की जीत


बिहार|विवेक रॉय| कहते हैं कि सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। बिहार में नकली दवा माफियाओं के खिलाफ सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे मुस्तफा हुसैन को उच्च न्यायालय का साथ मिल गया है। उन्होंने प्रदेश में नकली दवा, मास्क, थर्मामीटर ,वैक्सिंग के नकली प्रोडक्ट बनाने, बेचने एवं मनमाने रेट वसूलने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनकी पीआईएल की सुनवायी करते हुए सरकारी अफसरों को एक्शन लेने के डायरेक्शन दे दिये हैं। इसे पब्लिक हेल्थ सिस्टम में जल्द ही सुधार की उम्मीद मानकर देखा जा रहा है।


हाईकोर्ट ने कहा 7 दिन में एक्शन ले हेल्थ सेक्रेटरी :-

बिहार में पब्लिक हेल्थ से खिलवाड़ करने वाले के खिलाफ सुस्त प्रशासन पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया। इस मामले में मुस्तफा हुसैन की तरफ से दायर पीआईएल पर हाईकोर्ट ने सुनवायी कर, नकली दवा, घटिया मास्क और सैनिटाइजर अधिक दामों में बिक रहे इंपोर्ट थर्मामीटर एवं ऑक्सीमीटर के मामले को बेहद गंभीर बताया है।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि पीआईएल में लिखी सभी बातों के बारे में हेल्थ सेक्रेटरी को जाकर बताएं।
ऑप्शन कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिस दिन आप हेल्थ सेक्रेटरी को इस आदेश के प्रकाश में पीआईएल में उल्लेख किये गये सभी गंभीर मुद्दों के बारे में एक रिप्रेजेंटेशन के जरिए बताएं। 7 दिन में हेल्थ सेक्रेटरी को उन सभी मुद्दों पर अनिवार्य रूप से एक्शन लेने के भी निर्देश दिए जाते हैं। पीआईएल में लिखी गयी सभी बातें बहुत सीरियस है तथा पब्लिक हेल्थ को इफेक्ट करने वाली इन सभी बातों पर अफसर अगर आपकी बात नहीं सुनते हैं, तो आपको फिर से कोर्ट का रुख करने की छूट होगी।

हाई कोर्ट में 30 सितंबर को मुस्तफा हुसैन की तरफ से पीआईएल दायर करने वाले एडवोकेट अक्षांश अंकित ने बताया कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है, इसी बीच लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और कुछ अफसर इसे आंख मूंद कर देख रहे हैं।


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