दो वर्ष बाद सहारनपुर निवासी होने पर गर्व करेंगे शहर के लोग: नगरायुक्त


सहारनपुर। सुशिल कपिल: स्मार्ट सिटी एडवाईजरी बोर्ड की बैठक में जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संस्थाओं और शहर के गणमान्य लोगों ने सुझाव दिया है कि स्मार्ट सिटी की जो भी योजनाएं बनायी जाएं वे भविष्य के सहारनपुर और उसकी आवश्यकताओं तथा मास्टर प्लान 2031 को ध्यान में रखकर बनायी जाएं ताकि बार-बार उसमें फेरबदल न करना पडे़। खात्ताखेड़ी में मल्टीपल पार्किंग तथा रेडक्राॅस हाॅस्पिटल को और बेहतर बनाने सहित अनेक सुझाव भी दिए गए। मेयर संजीव वालिया और नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने लोगों से आह्वान किया है कि यदि शहर के सौंदर्यकरण और विकास के लिए किसी के पास कोई ठोस व रचनात्मक सुझाव है तो वह दे सकता है उसे कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। बैठक में तीनों सेनाओं के पराक्रम पर उनके लिए एक बधाई प्रस्ताव भी पारित किया गया।

स्मार्ट सिटी एडवाईजरी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते हुए मेयर संजीव वालिया ने सभी जनप्रतिनिधियों का स्वागत व आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि यदि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी का सहयोग मिला तो 2022 का सहारनपुर नया सहारनपुर होगा। नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि सहारनपुर को स्मार्ट बनाने की दिशा में काम शुरु हो गया है। उन्होंने योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि शहर के तीन बड़े पुलों चतरा पुल, दालमंडी व पुल जोगियान का चैड़ीकरण कराने, शहर के चैराहों-तिराहों का सौंदर्यकरण, कंपनी बाग के सौंदर्यकरण के लिए 8 करोड़ की लागत से उसमें अनेक कार्य कराने के अलावा शहर के सभी प्रमुख मार्गो की एंट्री पर सहारनपुर की पहचान के लिए प्रवेश द्वार बनाये जायेंगे। कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन खरीद ली गयी है और पांच करोड़ की लागत से वहां कूडे़ का रिसाईक्लीनिंग प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अगले दो वर्ष में सहारनपुर ऐसा शहर होगा कि शहर के लोग सहारनपुर निवासी होने पर गर्व करेंगे।

इससे पूर्व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी पीएमसी के संजय वर्मा व मनीष ने ई-लाईब्रेरी, स्मार्ट क्लास, स्मार्ट सिटी में प्रस्तावित घंटाघर और उसके चारों ओर के मार्गो, माडल रोड, नये बस स्टैंड और विभिन्न स्थानों पर मल्टीपल माॅल व पार्किंग आदि के संबंध में प्रोजेक्टर के माध्यम से योजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया। बताया गया कि जहां भी मार्गो पर अतिरिक्त स्थान मिला है वहां छोटी पार्किंग की व्यवस्था भी की गयी है। शहर में ऐसे 600 स्थान चिन्हित किये गए हैं। जनप्रतिनिधियों  ने सड़कों की चैड़ाई, पार्किंग, शहर से बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री आदि के बारे में भी जानकारी और सुझाव दिए। सिंचाई विभाग के एसडीओ विकास त्यागी ने पांवधोई नदी पर कराये गए कार्यो की जानकारी देते हुए प्रस्तावित योजना से अवगत कराया। स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी बी के सिंह ने सहारनपुर सीवर व्यवस्था पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि शहर में अनेक सीवरेज प्लांट बनने प्रस्तावित हैं, सीवर व्यवस्था दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। स्मार्ट सिटी के निदेशक सुशील पुंडीर ने भी परियोजनाओं से संबधित अनेक जानकारियां ली।

सांसद फजलुर्रहमान ने सड़कों पर रखे ट्रांस्फाॅर्मरों को हटवाकर उचित स्थान पर रखवाने, पूरे शहर में सीवर लाईन बिछवाने, धोबीवाला तालाब की जल निकासी कराने, सड़कों पर फैले तारों के जाल और खंभों को व्यवस्थित कराने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जो इलाके स्मार्ट सिटी में नहीं है लेकिन निगम की सीमा में है उनके विकास पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पांवधोई का सौंदर्यीकरण और उसे प्रदूषण मुक्त कराया जाना शहर के लिए बहुत आवश्यक है।उन्होंने भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखने का सुझाव दिया।

विधायक मसूद अख्तर का सुझाव था कि 2031 के मास्टर प्लान को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी जानी चाहिए ताकि बाद में फिर से तोड़ फोड़ न करनी पडे़ और ये भी ज्ञात रहेगा कि भू उपयोग कहां किस तरह रहेगा। उन्होंने कहा कि नया शहर पहले ही स्मार्ट है पुराने शहर पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने हबीबगढ़, मानकमऊ, गलीरा रोड आदि काॅलोनियों के विकास पर भी बल दिया। पूर्व विधायक राजीव गुुंबर ने कहा कि जो भी सड़कें बनायी जाएं वे दुकानों और काॅलोनियों के घरों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनायी जाएं। सड़क के ऊपर लगातार रोड़ी बिछाने से शहर के अनेक  क्षेत्रों में मकान और दुकानें कई कई फुट नीचे चले गए हैं जिससे लोगों को जल भराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भविष्य को  ध्यान में रखकर योजनाओं को क्रियान्वित किया जाना चाहिए। सहारनपुर का चयन स्मार्ट सिटी में करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार भी जताया।

रामपुर विधायक देवेंद्रनिम का सुझाव था कि जो गांव सहारनपुर नगर निगम में जोडे़ गए हैं उन पर भी फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कांशीराम काॅलोनी सहित शहर के बाहरी क्षेत्र में बन रही काॅलोनियों की आवश्यकताओं और वहां सुविधाएं मुहैय्या कराने पर बल दिया। त्रिलोकचंद गुप्ता ने स्मार्ट मंे आने वाली सिटी बसों को स्टेशन से राजकीय विश्वविद्यालय तक बसे चलवाने की मांग की। राजेश जैन का सुझाव था कि पुराने शहर में कोई ऐसा स्थान विकसित किया जाएं जहां लोग शाम को घूमने जा सकें। स्मार्ट सिटी में प्रेस क्लब भवन के निर्माण का सुझाव भी उन्होंने दिया। इससे पूर्व कुलभूषण जैन, जयनाथ शर्मा, डाॅ. पी के शर्मा, राजीव अग्रवाल, अशोक गुप्ता, अमीर खां, आर्किटेक्ट मनमीत बजाज आदि ने भी अनेक सुझाव दिए। बैठक में स्मार्ट सिटी के मुख्य वित्त अधिकारी राजीव कुशवाह, सीएस पूजा वर्मा, रजनीश धीमान व मीडिया प्रभारी डाॅ. वीरेन्द्र आज़म आदि मौजूद रहे। 


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