सुशांत सिंह की मौत के वक्त उनके साथ रह रही बहन मीतू ने बताया – 12 जून को वापस चली गयीं थी घर


सुशांत सिंह राजपूत की मौत कैसे हुई इस बात का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच चल रही है। इस सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है। सुशांत की बहन रानी, प्रियंका और मीतू के बयान भी दर्ज किए गए हैं। बयान सीबीआई को दिए जा चुके हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सुशांत की बहन मीतू सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि 8 जून से लेकर 14 जून तक क्या-क्या हुआ।

8 जून को आया था सुशांत का फोन
रिपोर्ट के मुताबिक, मीतू ने बताया, 8 जून 2020 की सुबह, मेरे भाई सुशांत ने मुझे फोन किया और मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं शाम को 5:30 बजे पहुंच गई। जब मैं उनसे मिलने पहुंची तो वह शांत थे। जब मैंने पूछा कि क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह कहीं जा नहीं पाए तो बोर हो रहे हैं। उन्होंने मुझे बताया कि लॉक डाउन खत्म होगा तो वह साउथ इंडिया जाएंगे।

लॉकडाउन के बाद घूमने की प्लानिंग
उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके साथ कुछ दिन रुक जाऊं। मैं कुछ दिन के लिए रुक गई। जब मैं सुशांत के साथ थी तो उनके पसंद का खाना बनाया करती थी, उनसे बातें किया करती थी और लॉकडाउन के बाद साउथ इंडिया घूमने की बातें करते थे।

सुशांत से जुड़े उन तमाम लोगों के बयान अब सामने आ रहे हैं जो अब तक शांत थे। रीसेंटली उनकी एक्स-गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ने सुशांत से जुड़ी कई बातें नैशनल टेलिविजन पर कहीं। अब टाइम्स नाऊ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उनके साथ रह रहे सिद्धार्थ पिठानी ने बताया कि सुशांत काफी बुरी कंडिशन में थे। उन्होंने बताया कि वह काफी इमोशनल भी थे।

सिद्धार्थ ने बताया, जनवरी में मैं फाइनली उनके घर गया था क्योंकि उन्होंने मुझे बुलाया था। मैं अहमदाबाद में था। उन्होंने मुझे साथ रहने के लिए बुलाया था और कहा था, जॉब छोड़कर वापस आ जाओ, हम साथ में कुछ करेंगे। तभी मैं उनके साथ रहने और काम करने आ गया। जिस दिन मैं उनसे मिला वह काफी लो फील कर रहे थे। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और रोने लगे।

सिद्धार्थ ने बताया कि सुशांत की हेल्थ काफी खराब लग रही थी और उनके हाथ कांप रहे थे। वह दुखी होकर कह रहे थे, मुझे लगता है कि मेरा कोई नहीं है।

सिद्धार्थ ने बताया कि वह सुशांत के साथ चंडीगढ़ ट्रिप पर गए थे। उनके परिवार से भी मिले थे। सुशांत उस वक्त बिल्कुल ठीक थे। ट्रिप से आने के बाद सुशांत दवाएं टाइम से लेने लगे थे और ठीक हो गए थे। फिर उन्होंने दवाएं लेनी बंद कर दी थीं।

वहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धार्थ ने ये भी बताया कि 14 जून के पहले क्या हुआ था। सिद्धार्थ ने बताया, वह लॉकडाउन के दौरान सुशांत के साथ ही रह रहे थे। सुशांत की डेथ के पहले देर रात करीब 1 बजे वह उनसे मिले थे। अगले दिन उन्होंने जान दे दी। सिद्धार्थ ने बताया कि सुशांत अपनी एक्स-मैनेजर दिशा सालियान की मौत की खबर से परेशान थे क्योंकि कई रिपोर्ट्स में उनका नाम आ रहा था। दिशा ने 8 जून को सूइसाइड कर लिया था।

बता दें कि रिपोर्ट्स ये भी थीं कि सिद्धार्थ पिठानी सुशांत की फैमिली पर आरोप लगा चुके हैं कि उन पर रिया के खिलाफ बयान देने का दबाव डाला जा रहा है। वहीं सुशांत की फैमिली के वकील का कहना है कि सिद्धार्थ खुद 25 जुलाई तक परिवार को बता रहे थे कि सुशांत केस में रिया किस तरह से दोषी हैं।

12 और 14 को नहीं आया सुशांत का जवाब
12 जून 2020 को मेरी बेटी गोरेगावं में अकेली थी। मैं दोपहर 4.30 के बाद गोरेगांव अपने घर चली गई। घर पहुंचकर मैंने सुशांत सिंह राजपूत को मेसेज किया लेकिन उन्होंने न कॉल किया न मेसेज का जवाब दिया। 14 जून को सुबह 10:30 पर मैंने सुशांत को फोन किया लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। इसलिए मैंने सिद्धार्थ पिठानी को फोन किया, जो कि उनके साथ रह रहे थे।

अंदर से बंद था दरवाजा
सिद्धार्थ ने बताया कि उन्होंने सुशांत को नारियल जूस और अनार का जूस दिया है और वह सो रहे होंगे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। मैंने बताया कि सुशांत कभी अंदर से दरवाजा नहीं बंद करते और उनसे फिर दरवाजा खटखटाने को कहा। मैंने उनसे ये भी कहा कि सुशांत को बता देना कि मैंने फोन किया था।

सुशांत के लिए बनाकर रखी थीं गांजे वाली सिगरेट्स, डिब्बा मिला था खाली

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरज ने 3 पन्ने का बयान मुंबई पुलिस को दिया था। इस बयान में कई खुलासे किए हैं। नीरज ने बताया कि उसने अप्रैल 2019 में सुशांत के घर हाउसकीपिंग स्टाफ के तौर पर काम शुरू किया था। नीरज ने बताया, मैंने उनके कैप्री हाइट्स वाले घर पर काम करना शुरू किया था। मेरा काम साफ-सफाई, कुत्तों को टहलाना, सुशांत सर को चाय-खाना सर्व करना था।

नीरज ने बताया, जब मैने उनके यहां काम करना शुरू किया तो रजत मेवाती, सिद्धार्थ पिठानी, आयुष, सैमुअल मिरांडा, आनंदी, सैमुअल हाओकिप, अशोक खासु और केशव सुशांत के लिए काम करते थे। इसके बाद सुशांत सर माउंट ब्लांक अपार्टमेंट में दिसंबर 2019 में शिफ्ट हो गए। उन्होंने पुराने घर के हॉन्टेड होने की बात भी बताई।

नीरज ने कैप्री हाइट्स अपार्टमेंट के हॉन्टेड होने की बात भी बताई। उन्होंने कहा, हमें वॉकी-टॉकी सेट्स दिए गए थे जिस पर सुशांत सर हमें काम बताते या हमसे बात करते थे। एक रात जब मैं सो रहा था, वॉकी-टॉकी पर सुनाई दिया ‘नीरज लाइट बंद कर दो’। मैं सुशांत सर के बेडरूम के पास गया तो देखा सर सो रहे थे और उनकी लाइट्स बंद थीं। कुछ देर बाद मुझे फिर वही सुनाई दिया। फिर जाकर देखा तो लाइट्स बंद थीं और सर सो रहे थे। मैं बहुत डर गया और उस रात मुझे नींद नहीं आई। हम वहां रहते थे तो लिफ्ट के ऊपर-नीचे जाने और कभी-कभी ड्रम बजते हुए सुनाई देते थे। इसी वजह से सुशांत सर ने वो घर छोड़ दिया था।

नीरज ने बताया, सुशांत सर हफ्ते में एक या दो बार आनंदी, रिया और आयुष के साथ घर पर पार्टी करते थे। वह शराब और गांजा लेते थे। सैमुअल जैकब सुशांत सर के लिए जॉइंट रोल करते थे। कभी-कभी मैं भी जॉइंट्स रोल करता था। सुशांत सर की सूइसाइड के पहले मैंने उनके लिए 3 दिन के मैरुआना सिगरेट्स सीढ़ियों के पास सिगरेट केस में रखे थे। उनकी सूइसाइड के बाद मैंने देखा तो सिगरेट बॉक्स खाली था।

रिया के सुशांत के साथ रहने के बारे में नीरज ने बताया कि लॉकडाउन में रिया माउंट ब्लांक में शिफ्ट हो गई थीं। वह कभी-कभी अपने पैरंट्स से मिलने जाती थीं या उनके पैरंट्स आ जाते थे। लॉकडाउन के दौरान रिया और सुशांत सर उठकर ब्लैक कॉफी लेते और छत पर वर्कआउट करते थे।

नीरज ने बताया, 8 जून को केशव ने सबके लिए डिनर बनाया। हम खाना सर्व करने जा रहे थे तभी रिया मैम ने मुझे फोन करके बैग पैक करने के लिए कहा। रिया मैम काफी गुस्से में लग रही थीं और उन्होंने कहा कि बाकी कपड़े बाद में ले जाएंगी। वह अपने भाई शोविक के साथ बिना डिनर किए चली गईं। उस वक्त सुशांत सर पूरे वक्त कमरे में ही रहे, उसी दिन मीतू दीदी घर आईं।

मीतू दीदी 12 जून को वापस चली गईं और मुझसे कहा कि वह 2 या 3 दिनों में वापस आ जाएंगी और मुझसे सर का ध्यान रखने के लिए कहा। मीतू दीदी घर पर थीं तो सर उनके साथ खाना खाते थे।

नीरज ने बताया, 14 जून को 8 बजे के बाद मैं सीढ़ियों पर झाड़ू लगा रहा था। सुशांत सर बाहर आए और मुझसे ठंडा पानी मांगा। मुझसे सफाई के बारे में पूछा और मुस्कुराकर चले गए। 9.30 बजे के आसपास केशव सर को केले और नारियल पानी देकर आया। उसने लौटकर बताया कि उन्होंने सिर्फ नारियल पानी लिया है। 10.30 के आसपास वह फिर से खाना पूछने गया लेकिन कमरा अंदर से बंद था। उसे लगा कि सर सो रहे हैं तो वह नीचे आ गया। केशव ने ये बात दीपेश और सिद्धार्थ को बताई। वो लोग भी जाकर खटखाने लगे। मीतू दीदी ने दरवाजा खोलने को कहा। सिद्धार्थ ने चाबीवाले को बुला लिया।

दीपेश ने दरवाजा खोला तो अंदर अंधेरा था और एसी चल रहा था। दीपेश ने लाइट जलाई। सिद्धार्थ अंदर गया और तुरंत वापस आ गया। उसके पीछे मैं और दीपेश अंदर गए। मैंने देखा कि सुशांत सर का चेहरा खिड़की की तरफ था और वह हरे रंग के कुर्ते से पंखे से लटक रहे थे। सिद्धार्थ ने फोन करके मीतू दीदी को बताया। सिद्धार्थ ने मुझसे चाकू मंगवाया। मैं चाकू लाया और सिद्धार्थ ने कुर्ता काटा और सर की बॉडी नीचे उतारी। तभी मीतू दीदी आकर चिल्लाईं, ‘गुलशन तूने ये क्या किया’। सिद्धार्थ ने सर की छाती पंप करने की कोशिश की। फिर पुलिस को बुलाया।

बेड पर थे सुशांत
कुछ देर बाद सिद्धार्थ ने मुझे फोन करके बताया कि उन्होंने सुशांत का दरवाजा कई बार खटखटाया लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। अब वह चाबी बनाने वाले को बुलाने जा रहे हैं। सिद्धार्थ की इस कॉल के बाद मैं तुरंत कैब से गोरेगांव से बांद्रा के लिए रवाना हो गई। टैक्सी से आते वक्त सिद्धार्थ का फिर से फोन आया और उन्होंने बताया कि दरवाजा खोल लिया है और सुशांत पंखे से लटके हैं। जब मैं घर पहुंची तो देखा कि सुशांत बेड पर उल्टे लेटे हैं और सीलिंग फैन से ग्रीन कुर्ता लटक रहा है।

मैंने बहन नीतू और प्रियंका को दी जानकारी
सिद्धार्थ और उनके साथी ने चाकू से कुर्ता काटकर सुशांत की बॉडी को नीचे उतारा था। उन्होंने ही पुलिस और बांद्रा पुलिस स्टेशन से लोगों को बुलाया। मैंने अपनी बहन नीतू और प्रियंका को घटना के बारे में जानकारी दी।


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